Aligarh News : अलीगढ़ जंक्शन पर सुबह तीन मौत के बाद भी नहीं जागे, शाम को सोमना के पास फिर ने जान गंवाई
Aligarh News बुधवार की सुबह अलीगढ़ जंक्शन पर तीन लोगों की मौत के बाद भी लोग नहीं मान रहे। यही कारण है कि शाम को सोमना स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पार रह रहे मजदूर को जान से हाथ धोना पड़ा।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Aligarh News : अलीगढ़ जंक्शन पर तीन लोगों की मौत के बावजूद न तो लोगों में जागरूकता आई और न ही आरपीएफ सतर्क हुई। हादसे के बाद भी लोग लगातार ट्रैक पार करते दिखे। इस दौरान आरपीएफ नदारद नजर आई। वहीं, शाम को सोमना स्टेशन के पास ट्रैक पार करने के दौरान एक और युवक की ट्रेन से कटकर मौत हो गई।
हादसे के बाद भी लापरवाह दिखे लोग
बुधवार को तीन लोगों की मौत के बाद स्टेशन पर मौजूद यात्रियों का दिल दहल गया। यात्रियों के बीच चर्चा हो रही थी कि रेलवे ट्रैक के बीच अगर फेंसिंग लगी होती तो शायद हादसा नहीं होता। इस हादसे के बाद भी लोग लगातार ट्रैक पार करते दिखे। रात में भी कई महिलाएं बच्चों को लेकर इसी तरह ट्रैक पार कर रही थीं। वहीं शाम के समय दिल्ली- हावड़ा रेलवे लाइन पर सोमना स्टेशन के पास ट्रेन की चपेट में आकर एक और युवक की मौत हो गई।
मजदूरी करता था चेतराम
गभाना क्षेत्र के सोमना निवासी 47 वर्षीय चेतराम मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण- पोषण करते थे। बुधवार देर शाम वह काम से घर लौट रहे थे। तभी सोमना स्टेशन के पास रेलवे लाइन पार करने के दौरान दिल्ली की तरफ से आ रही राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। हादसे के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ मौके पर जुट गई, जानकारी पाकर स्वजन भी मौके पर पहुंच गए। सूचना पर पहुंची जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी के लिए भिजवा दिया है। चेतराम पांच बच्चों के पिता थे।
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पलभर की जल्दबाजी पड़ती है भारी
इस हादसे में पलभर की जल्दबाजी के चलते तीन जान ले लीं। मऊ के परिवार को दादरी जाना था। ऐसे में उन्हें पैसेंजर को पकड़ने की जल्दबाजी थी। ट्रेन प्लेटफार्म नंबर चार पर खड़ी थी। लेकिन, वे सीढ़ियों से न चढ़कर लाइन पार करने लगे। जबकि उसी दौरान ग्रीन सिग्नल था और ट्रेन करीब 140 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गुजर रही थी। ट्रेन की आवाज सुनकर श्वेता तो आगे निकल गई, मगर गोद में बच्चा लिए शिखा बेटी समेत ट्रेन की चपेट में आ गई। साथ ही भाई की भी कटकर मौत हो गई।
भाई की शादी की थी तैयारी
हादसे की सूचना पर दादरी में रहने वाले शिखा के बहनोई संजय यहां आ गए थे। उन्होंने बताया कि शैलेंद्र की शादी की तैयारी हो रही थीं। उसका रिश्ता तय हो गया था। ऐसे में घर में खुशी का माहौल था। इसी सिलसिले में शैलेंद्र अपनी बहनों को लेकर दादरी घूमने आ रहा था। लेकिन, होनी को कुछ और ही मंजूर था। देर शाम स्वजन भी आ गए।
इन हादसों के बाद भी नहीं लिया गया सबक
तीन फरवरी को गांधीपार्क थाना क्षेत्र के छर्रा अड्डा पुल के नीचे रेलवे ट्रैक को पार करते समय एक युवक की ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई थी। क्वार्सी क्षेत्र के सुरेंद्र नगर स्थित पानी की टंकी गली नंबर छह निवासी बंटी सिंह ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करता था। घर से किसी काम से निकला था। छर्रा अड्डा पुल के नीचे रेलवे ट्रैक को पार करने के दौरान ट्रेन की चपेट में आ गया। 26 मार्च को बन्नादेवी इलाके में तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई थी। दिल्ली हावड़ा रेलवे लाइन को पार करते समय तीन लोग ट्रेन की चपेट में आए थे। इनमें दो लोगों के शरीर के चिथड़े उड़ गए थे। इनके अलावा करीब एक साल पहले भी ट्रेन की चपेट में आकर इसी तरह 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। वहीं आएदिन छर्रा अड्डा पुल, जमालपुर फाटक, बरौला फाटक, मीनाक्षी पुल के नीचे, दाऊद खां स्टेशन के पास आए दिन हादसे होते रहते हैं।