Aligarh News: सोनू चौधरी हत्याकांड का खुलासा, वर्चस्व व प्रापर्टी की चाह में प्रापर्टी डीलर की हुई थी हत्या
कोंडरा के प्रॉपर्टी डीलर सोनू चौधरी की हत्या वर्चस्व के लिए हुई। पुलिस ने मुठभेड़ में शूटर शिवा को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि सोनू के दोस्त दिनेश ने टाइगर गिरोह की मदद से हत्या करवाई थी जिसके लिए ढाई लाख की सुपारी दी गई। सोनू की हत्या 25 जुलाई को हुई थी जब बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी थी।

संसू, जागरण हरदुआगंज/अलीगढ़। तालानगरी के निकटवर्ती गांव कोंडरा निवासी प्रापर्टी कारोबारी शैलेंद्र उर्फ साेनू चौधरी की हत्या गांव के ही निवासी दोस्त व प्रापर्टी में पार्टनर दिनेश ने कराई थी। इसके लिए उसने टाइगर गिरोह के सरगना से मदद ली और दो शूटरों को ढाई लाख रुपये की सुपारी दी थी।
पुलिस और स्वाट व सर्विलांस टीम ने मंगलवार रात तालसपुर निवासी मुख्य शूटर को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया है। उसके पैर में गोली लगी है। उसने पुलिस को वारदात के दौरान अपने साथ मथुरा निवासी एक अन्य शूटर के बारे में बताया है। उसके पास से हत्या में प्रयोग की गई पिस्टल और कारतूस बरामद हुई है।
सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुराग में एक नाम पुलिस को मिला था
अतरौली सीओ राजीव द्विवेदी ने बताया कि हत्याकांड के बाद से ही टीम ने जांच शुरू कर दी थी। सीसीटीवी फुटेज व अन्य सक्ष्यों की मदद से हत्याकांड में मास्टरमाइंड प्रापर्टी कारोबारी दिनेश का नाम सामने आया। इसमें शूटर महुआखेड़ा क्षेत्र के तालसपुर कलां निवासी शिवा व मथुरा के राया निवासी एक अन्य की भूमिका पता चली। टीम उनकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी थी।
दोनों पैरों में लगी गोली
बताया कि मंगलवार की देर रात शूटर शिवा को पनेठी पर बस से उतर कर हरदुआगंज रजबहा की पटरी पर आने की सूचना मिली। पुलिस ने बैरामगढ़ी बंबा के पास घेराबंदी शुरू की सुबह करीब साढ़े तीन बजे पैदल आते शिवा को रोकने का प्रयास करने पर उसने भागने का प्रयास किया। पुलिस टीम पर फायरिंग की। पुलिस की जवाबी फायरिंग में शिवा के दोनों पैरों में गोली लगी। उसके कब्जे से एक अवैध 32 बोर पिस्टल, दो जिंदा कारतूस, दो खोखा कारतूस और 1200 रुपये नकद बरामद हुए।
मास्टर माइंड मृतक के गांव का ही निवासी
शिवा पर आयुध अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत कर लिया गया। उसका पुलिस कस्टडी में जेएन मेडीकल कॉलेज में उपचार चल रहा है। यहां उसने एसपी देहात अमृत जैन को बताया कि हेमू ने उसे सोनू को मारने के लिए दिनेश का साथ दे रहे टाइगर गिरोह के मुखिया हेमू ने उसे ढाई लाख रुपये की सुपारी दी थी।
10 दिन पूर्व हुई थी वारदात
सांसद के करीब प्रापर्टी डीलर सोनू चौधरी की हत्या की वारदात 25 जुलाई की सुबह हुई थी। वह अपनी कार से हरदुआगंज क्षेत्र के कोंडरा गांव से तालानगरी के लिए निकले थे। गांव के बाहर उनकी कार को बाइक सवार दो बदमाशों ने रास्ते में रुकवा कर बैठा लिया। बातचीत के दौरान सोनू की कनपटी पर पिस्टल से गोली मार दी थी। फिर हमलावर सोनू की कार पर गोलियां बरसाते हुए गांव कोंडरा में होकर भाग निकले थे।
सोनू के भाई देवेंद्र ने 10 वर्ष पूर्व हुए सोनू के बड़े भाई राजेश कुमार की हत्या में दोषी मेघराज उर्फ मेंबर, हरिओम, यतेंद्र व मनीष सहित तीन अज्ञातों को नामजद कराया था। जबकि पुलिस हत्याकांड में उनकी भूमिका ना मानते हुए जांच में जुटी थी।
पनैठी में लगे कैमरे में कैद हो गए थे शूटर
पुलिस के मुताबिक मृतक सोनू चौधरी का तालानगरी के आसपास व जनपद में कई जगह प्रॉपर्टी खरीद फरोख्त का कारोबार चल रहा था। इसमें दिनेश पार्टनर बताया गया है। पिछले दिनों प्रापर्टी को लेकर दोनों में विवाद हो गया था। इसके बाद दिनेश ने गांव के ही गैंग मुखिया को अपने साथ शामिल कर सोनू की हत्या करने की योजना बनाई थी।
टाइगर गिरोह के सरगना का भी नाम आया सामने
योजना के तहत हत्या के चार दिन पूर्व शिवा व मथुरा जिले के राया क्षेत्र निवासी एक शूटर को रायल होम्स कॉलोनी में कमरा दिलाया था। यहीं हत्या की योजना बना कर रैकी की गई थी। साेनू की हत्या के बाद शूटर कैमरों से बचते हुए गांव के निकट कच्चे रास्ते से होकर रायल होम्स गए। वहां से रसिक टावर के पीछे के रास्ते बैरामगढ़ी बंबा की पटरी पर होकर पनैठी की ओर भाग निकले थे। मगर, पनैठी पर लगे एक सीसीटीवी कैमरे से नहीं बच पाए और उसमें उनकी फुटेज आ गई।
पुलिस कर रही फरार साथियों की तलाश
सूत्रों की माने तो राया का शूटर वारदात के कुछ दिन बाद ही इगलास के एक मामले में जमानत तुड़वाकर जेल चला गया। सूत्रों की माने तो विवाद केवल प्रापर्टी का ही नहीं है, एक अन्या कारोबार को लेकर भी विवाद था। हालांकि पुलिस ने अभी इसे जाहिर नहीं किया है। पुलिस का कहना है कि अन्य फरार साथियों की तलाश जारी है। मामले की गहन जांच की जा रही है।
इतनी बड़ी वारदात का खामोशी से पर्दाफाश
इतनी बड़ी वारदात और मीडिया को घटना बताने से नए एचएचओ बचते रहे। शूटर शिवा को मुठभेड़ में पकड़ने में थाना प्रभारी बृजेश कुमार भी टीम का हिस्सा थे। मगर, हत्याकांड के पर्दाफाश के अधूरे पहलुओं की जानकारी के लिए मीडिया ने सवाल किए तो उन्होंने साफ इनकार करते हुए कहा कि मैं पत्रकारों को कुछ नहीं बताएंगे।
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