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जाने क्‍या रही वो मजबूरी, अागरा में जन्‍म देकर अस्‍पताल के बिस्‍तर पर छोड़ अबोध से मुंह मोड़ गई मां, घर का पता भी दिया गलत

लेडी लायल अस्पताल में 26 मार्च को प्रसव पीड़ा होने पर भर्ती हुई थी महिला। नार्मल डिलीवरी से सुंदर से बेटे को दिया था जन्म। अस्पताल के रिकार्ड में दर्ज कराया था अपना गलत नाम और पता। मां-बाप के होते हुए भी आश्रय गृह पहुंच गया है नवजात।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 09:07 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 09:07 AM (IST)
मां और उसके घर का पता गलत निकलने पर बच्‍चे को आश्रय स्‍थल भेजा गया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा में एक मां ने नौ महीने तक कोख में रखकर बेटे को जन्म दिया। मगर, फिर उसने कलेजे के टुकड़े के साथ कुछ ऐसा किया, जिसने मोहब्बत की इस नगरी को शर्मसार कर दिया। मशहूर शायर इब्ने इंशा ने शायद ऐसे ही बच्चे के लिए इस चर्चित नज्म को लिखा था। उनकी चर्चित नज्म की कुछ लाइन ये हैं। ये बच्चा किसका बच्चा है, ये बच्चा कैसा बच्चा है। न इसके अम्मी-अब्बू हैं, ना इसके आपा-खाला हैं। यह सारे जग में तन्हा है, ये बच्चा क्या कुछ पूछता है, यह बच्चा क्या कुछ कहता है। यह दुनिया कैसी दुनिया है, यह दुनिया किसकी दुनिया है। इस बच्चे को कोई गोद में ले, फिर देखिये कैसा बच्चा है, यह कितना प्यारा बच्चा है।

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प्रसव पीड़ा होने पर कराया था भर्ती, प्रसव के बाद हुआ ये

शहर के महिला चिकित्सालय लेडी लायल में 26 मार्च को एक महिला प्रसव पीड़ा होने पर भर्ती हुई। महिला ने पुत्र को जन्म दिया। जच्चा और बच्चा का परिवार के लोग 30 मार्च तक इलाज कराते रहे। इसके बाद परिवार के लोग महिला को अचानक अपने साथ लेकर अस्पताल से चले गए। स्टाफ को बताया कि जच्चा की हालत ज्यादा खराब होने के चलते उसे निजी अस्पताल लेकर जा रहे हैं। वह नवजात की देखरेख के लिए उसकी दादी को छोड़कर जा रहे हैं। अगले ही दिन नवजात की कथित दादी भी बिना बताए वहां से चली गई। नवजात को कई दिन तक कोई लेने नहीं आया। मां का दूध नहीं मिलने से नवजात की हालत खराब होने लगी। इस पर स्टाफ ने एसएन के बाल रोग विभाग में भर्ती करा दिया।

मां की गोद के लिए रोता है नवजात

दो सप्ताह का अबोध बेटा चंद घंटे ही अपनी मां की गोद में रहा था। मगर, नौ महीने कोख में रहने के बाद वह भी अन्य बच्चों की तरह मां को उसकी खुश्बू और गाेद से पहचानता है। मां से बिछुडने की याद में खूब रोता है। बच्चे को रोता देख एसएन से लेकर शिशु गृह तक स्टाफ कलयुग की मां को भला बुरा कहता है। जो दुनिया में लाते ही नवजात को दूसरों के रहमोकरम पर छोड़कर चली गई है।

रिकार्ड में दर्ज कराया अपना गलत नाम और पता

एसएन के स्टाफ की देखभाल से नवजात पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। मगर, उसे लेने के लिए परिवार का कोई सदस्य नहीं आया तो स्टाफ ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने लेडी लायल का रिकार्ड चेक किया। इसमें महिला को यहां पर भर्ती कराने वाले अपना नाम आदाब खान निवासी मोहन नगर बोदला दर्ज कराया था। इस पर पुलिस उक्त पते पर पहुंची, यहां नाम और मकान नंबर फर्जी निकला। आसपास के लोगों ने बताया कि बस्ती में ऐसी कोई गर्भवती महिला नहीं थी, जो 26 मार्च को अस्पताल में भर्ती होने गई हो।

सीसीटीवी से नहीं मिला सुराग

महिला और उसके परिवार के सदस्यों का पता लगाने के लिए पुलिस ने अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की। इसमें परिवार के लोगों का चेहरा स्पष्ट नजर नहीं आ रहा है। नवजात की मां का चेहरा भी साफ नहीं है। इसने पुलिस का पसोपेश में डाल दिया है। उसके लिए नवजात की मां को तलाशना आसान नहीं होगा

शिशु गृह में मिला आश्रय

चाइल्ड लाइन की समन्वयक ऋतु वर्मा ने बताया कि एसएन के स्टाफ ने नवजात को गुरुवार को पुलिस के सहयोग से सुपुर्दगी में लिया गया था। नवजात पूरी तरह से स्वस्थ है। उसे राजकीय शिशु एवं बाल गृह में आश्रय दिया गया है। इसके साथ ही उसकी मां को तलाशने का प्रयास किया जा रहा है।


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