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    ऑनलाइन चर्चा फिर दावत, प्रशंसा से करते थे ब्रेनवॉश... एसबी कृष्णा उर्फ आयशा से पूछताछ में सामने आई जानकारी

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 07:45 AM (IST)

    Operation Asmita आगरा में मतांतरण कराने वाले गिरोह के सदस्य ऑनलाइन चर्चाओं में लोगों को दावत के नाम पर बुलाते थे और फिर उन्हें अपने तर्कों से प्रभावित करके मतांतरण कराते थे। पुलिस पूछताछ में एसबी कृष्णा उर्फ आयशा ने बताया कि कैसे उसे प्रशंसा और महत्व देकर धीरे-धीरे ब्रेनवाश किया गया और वह आयशा बन गई। जमानत याचिका पर सुनवाई अब 30 जुलाई को होगी।

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    आनलाइन चर्चा के बाद दावत फिर ब्रेनवाश

    जागरण संवाददाता, आगरा। मतांतरण करने वाला गिरोह के सदस्य योजनाबद्ध तरीके से कई चरणों में ब्रेनवॉश करते हैं। ऑनलाइन चर्चा में दावत के नाम पर आमंत्रित करते हैं। जाल में फंसे लोगों को अपने तर्कों से प्रभावित करके मतांतरण करते थे गिरोह की सदस्य एसबी कृष्णा उर्फ आयशा से पुलिस रिमांड पर विस्तृत पूछताछ में ब्रेनवाश की प्रक्रिया सामने आई।

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    गोवा की रहने वाली एसबी कृष्णा उर्फ आयशा से पुलिस ने विस्त़ृत पूछताछ की। उससे इस सारी प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली। डाटा साइंस से एमएससी करने वाली आयशा ने बताया कि पंजाब विश्वविद्यालय में पढ़ने के दौरान कश्मीरी छात्रा से उसकी मित्रता हुई।

    आयशा से मिली जानकारी के मुातबिक,छात्रा ने उसकी पूजा पद्धति आदि के बारे में सवाल करना शुरू कर दिया। इसके बाद मतांतरण से संबंधित बातें करने लगी। कश्मीरी छात्रा हर सप्ताह अपने समूह के लोगों के साथ ऑनलाइन चर्चा में शामिल होती थी। जिसे वह अपनी भाषा में दावत कहते थे।

    ऑनलाइन चर्चा में शामिल होने की दी दावत

    छात्रा ने एक बार उससे अपने साथ ऑनलाइन चर्चा में शामिल होने की दावत दी। कहा कि वह उस पर कोई दबाव नहीं डाल रही है, लेकिन चर्चा में शामिल होने में कोई बुराई भी नहीं है। उसे समझ में नहीं आए तो वह छोड़ सकती है।

    गिरोह कई चरण में करता है मतांतरण कराने वालों का ब्रेनवॉश

    आयशा एक बार उनकी ऑनलाइन चर्चा दावत में शामिल हुई, चर्चा में उसकी बातों और सवालों को अधिक महत्व दिया जाने लगा। उसका उदाहरण देकर प्रशंसा की जाती। जिससे धीरे-धीरे उसका ब्रेनवॉश किया जाने लगा। वह मतांतरित होकर आयशा बन गई। उसे आयशा अप्पी के नाम से जाना जाने लगा।

    एमएससी के दौरान दी दावत, प्रशंसा की घुट्टी से बनाया आयशा

    अधिकांश काम में उसकी सलाह ली जाने लगी। उसके अनुसार काम किया जाता। पूछताछ करने वाली पुलिस टीम बताती है कि समूह के बीच इतनी लोकप्रियता और प्रशंसा भी एसबी कृष्णा को आयशा बनाने के लिए ब्रेनवाश का हिस्सा थी।

    आरोपितों के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई अब 30 को

    मतांतरण के 10 आरोपितों की ओर से ऋषिराज चौहान एवं अन्य अधिवक्ताओं द्वारा गुरुवार को सीजेएम कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था। जिस पर सुनवाई के लिए अब 30 जुलाई नियत की गई है।पूर्व में जमानत प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने 29 जुलाई की तिथि की थी। जिस पर पुलिस की ओर से समय मांगा गया था।

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