Illegal Conversion Racket: टॉपर रही है मतांतरण का पाठ पढ़ाने वाली साइमा, कोचिंग में थीं जम्मू की छात्राएं
Illegal Conversion Racket आगरा में जूता व्यापारी की बेटी को मतांतरण का पाठ पढ़ाने वाली साइमा खुशबू की पहली मुलाकात 2020 में एक कोचिंग सेंटर में हुई। साइमा जो एमएससी बॉटनी की टॉपर थी 2021 में लड़की को जम्मू ले गई। जांच एजेंसी ने विश्वविद्यालय में जांच की और दस्तावेजों का निरीक्षण किया। कोरोना काल में कोचिंग बंद हो गई थी।

जागरण संवाददाता, आगरा। जूता कारोबारी के बड़ी बेटी को मतांतरण का पाठ पढ़ाने वाली जम्मू की साइमा खुशबू की पहली मुलाकात वर्ष 2020 में एक कोचिंग सेंटर में हुई थी। इसके बाद दोनों की गहरी दोस्ती हो गईं। खंदारी में यह कोचिंग आरबीएस कालेज के शिक्षक चलाते थे। साइमा के साथ जम्मू की 10 अन्य छात्राएं भी थीं।
एमएससी बाटनी की टॉपर रही साइमा 2021 में कारोबारी की बेटी को अपने साथ जम्मू ले गई। जांच एजेंसी सोमवार को विश्वविद्यालय के स्कूल आफ लाइफ साइंस में जांच के लिए पहुंची। उसकी अंकतालिका सहित अन्य दस्तावेजों की जांच की। कोरोना काल में कोचिंग बंद कर शिक्षक पंजाब चले गए।
24 मार्च को दर्ज की थी गुमशुदगी
जूता कारोबारी की बेटियों के 24 मार्च को घर से गायब होने के बाद गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। बाद में मामला अपहरण में दर्ज हुआ और इसमें पहली बार साइमा का नाम सामने आया। अवैध मतांतरण गिरोह के 10 सदस्यों की गिरफ्तारी होने के बाद भी अब तक साइमा का कोई पता नहीं चला है।
जागरण की पड़ताल में सामने आया कि कारोबारी की बड़ी बेटी ने दयालबाग से जूलाजी में एमएससी करने के बाद नेट की तैयारी के लिए 2020 में खंदारी में मूलरूप से फतेहपुर सीकरी के रहने वाले आरबीएस महाविद्यालय के शिक्षक द्वारा संचालित कोचिंग ज्वाइन की।
एमएससी बॉटनी चुकी कर चुकी साइमा पीएचडी के लिए आगरा पहुंची थी
2015 में आंबेडकर विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लाइफ साइंस से एमएससी बाटनी चुकी साइमा पीएचडी के लिए यहां आई और कोचिंग में साइमा खुशबू की मुलाकात हुई। इसी कोचिंग में जम्मू की 10 से अधिक छात्राएं भी पढ़ती थीं। ये सभी मऊ रोड स्थित नसीराबाद कालोनी में किराए के कमरे लेकर रहती थीं। मगर, कारोबारी की बेटी साइमा के संपर्क में बनी रही। उससे फोन पर बातें करती थी, फरवरी 2021 में कारोबारी की बेटी घर से बिना बताए चली गई।
कोरोना के चलते बंद हो चुकी थी कोचिंग
ऊधमपुर, कश्मीर में भूस्खलन में फंसने पर पुलिस ने कारोबारी से संपर्क किया, घर से जाने के 48 घंटे बाद स्वजन उसे ऊधमपुर से वापस ले आए। उधर, कोरोना काल के चलते कोचिंग बंद हो गई। शिक्षक ने 2022 में आरबीएस महाविद्यालय की नौकरी छोड़ दी। उन्हें साथी शिक्षकों ने नौकरी ना छोड़ने के लिए समझाया लेकिन वह बड़ी कोचिंग खोलना चाहते थे। उन्होंने लुधियाना जाकर कोचिंग शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि शिक्षक अब राजस्थान में हैं, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका है।
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