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    Illegal Conversion Racket: कहानी आगरा से कोलकाता की... सड़क के रास्ते कोलकाता तक सफर करके पहुंची थीं बहनें

    Updated: Sun, 20 Jul 2025 01:24 PM (IST)

    आगरा से लापता दो बहनें कोलकाता में बुर्का पहने मिलीं। पुलिस के अनुसार उनका मतांतरण कराया गया था और वे मुस्लिम बस्ती में रह रही थीं। पुलिस उन्हें कोर्ट में बयान दर्ज कराने के लिए आगरा लेकर आई है। जांच में पता चला कि वे दिल्ली से कोलकाता बस से गईं थीं और सोशल मीडिया पर भी सक्रिय थीं। छोटी बहन का नाम बदलकर जोया कर दिया गया था।

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    इंटरनेट मीडिया पर एके-47 के साथ प्रोफाइल पिक्चर।

    जागरण संवाददाता, आगरा। अवैध मतांतरण का शिकार हुई सदर क्षेत्र की सगी बहनें सड़क मार्ग से कोलकाता तक पहुंची थीं।ब्रेन वाश कराने के बाद मतांतरण कराया। इसके बाद वे मुस्लिम बस्ती में रह रही थीं। आगरा पुलिस की टीम कोलकाता पुलिस के साथ जब वहां पहुंची तो दोनों युवतियां बुर्का पहने मिलीं। साथ लेकर चलने पर बस्ती में लोग इकट्ठे हो गए। पुलिस अपनी मजबूत प्लानिंग से उन्हें वहां से लाने में सफल हो सकी।

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    सदर क्षेत्र के व्यापारी की दो बेटियां 24 मार्च को लापता हुई थीं। उसी दिन पिता ने सदर थाने में दोनों की गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। कुछ नए तथ्य सामने आने के बाद चार मई को इस मामले में अपहरण की धारा बढ़ाई गई। इसके बाद मामले की विवेचना साइबर थाने को दे दी गई।

    मुस्लिम बस्ती में बुर्का पहने मिली थीं दोनों, साथ लाई पुलिस

    पिता ने पुलिस को बताया कि बड़ी बहन एमफिल पास है। वर्ष 2020 में उसकी पहचान ऊधमपुर, जम्मू कश्मीर निवासी साइमा उर्फ खुशबू से हुई थी। साइमा आगरा के लाइफ साइंस से पढ़ाई कर रही थी। वर्ष 2021 में साइमा अपने साथ बड़ी बहन को जम्मू कश्मीर ले गई थी। वहां लैंड स्लाइड हो गया था। उनकी गाड़ी फंस गईं। वहां जम्मू कश्मीर पुलिस आ गई थी। साइमा खुद को रिटायर इंस्पेक्टर की बेटी बताती थी।

    जम्मू−कश्मीर पुलिस की सूचना पर स्वजन तब बड़ी बेटी को वापस लेकर आए थे। इंस्टाग्राम आइडी से पुलिस को सुराग मिले। इसके बाद पुलिस के पास साइबर सेल और सर्विलांस की मदद से दोनों बहनों की गूगल लोकेशन मिल गई। चार दिन पहले पुलिस की टीम कोलकाता पहुंची तो उस घर को खोजा जिसमें दोनों बहनें रहती थीं। दोनों बुर्का पहनकर घर से बाहर निकालती थीं।

    दोनों बुर्का पहने मिलीं

    24 घंटे से अधिक समय तक पुलिस ने घर पर नजर रखी। जब इस बात की पुष्टि हो गई कि उनका टारगेट इसी घर में है टीम वहां पहुंच गई। पुलिस को दोनों बुर्का पहने मिलीं। भीड़ इकट्ठी होने के बाद कोलकाता पुलिस की मदद से टीम उन्हें वहां से निकालने में सफल रही। दोनों बहनों को लेकर पुलिस आगरा पहुंच गई है। अभी उनका मेडिकल कराया जाएगा। इसके बाद कोर्ट में बयान दर्ज कराए जाएंगे।

    घर से निकलने से पहले बता दिया था रूट

    पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि 24 मार्च को दोनों बहनें घर से निकलने के बाद बस से दिल्ली पहुंची थीं। गिरोह के सदस्यों ने पहले ही उन्हें पूरा रूट बता दिया था। यह भी कहा था कि सड़क मार्ग से ही आना है और मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना है। उन्होंने वैसा ही किया।

    दिल्ली से भी वे कोलकाता तक बस से गईं। वहां उन्हें कोलकाता के बैरकपुर के रहने वाले रीत बनिक उर्फ मोहम्मद इब्राहिम मिला। उसने पहले कुछ दिन उनके ठहरने के लिए होटल में रूम बुक कराया। मोबाइल और सिम उपलब्ध कराई। इसके बाद उनके रहने का इंतजाम मुस्लिम बस्ती में कराया था।

    छोटी बहन का भी कराया मतांतरण

    छोटी बहन का भी मतांतरण करा दिया गया था। बड़ी का नाम अमीना और छोटी का जोया रख दिया था। गैंग के सदस्य उनका निकाह कराने के लिए लड़का देख रहे थे। उनका निकाह मुस्लिम लड़कों से कराया जाना था। ताकि वे चाहकर भी अपने धर्म में वापस नहीं लौट सकें। दोनों बहनें सोशल मीडिया पर इस्लाम के पक्ष में मुहिम चलाने लगी थीं।

    एके-47 के साथ प्रोफाइल पिक्चर

    पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि छानबीन के दौरान पुलिस को इंटरनेट मीडिया पर एक अकाउंट मिला। वह लापता बड़ी बहन का था। उसने एके-47 लेकर प्रोफाइल पिक्चर लगा रखी थी। उसे देखकर पुलिस हैरान रह गई।

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