6 राज्यों से जुड़े नेटवर्क का पर्दाफाश, चार देशों से फंडिंग... आगरा में मतांतरण के बड़े सिंडिकेट का खुलासा
आगरा में मतांतरण गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जिसका नेटवर्क छह राज्यों में फैला है। गिरोह के सदस्यों की भूमिकाएँ तय थीं जैसे ब्रेनवाश करना फंडिंग जुटाना और ठहरने की व्यवस्था करना। आयशा उर्फ एसबी कृष्णा वित्तीय प्रबंधन देखती थी जबकि रीत बनिक युवाओं को ब्रेनवाश करता था। रहमान कुरैशी अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से मतांतरण को बढ़ावा देता था। पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

जागरण संवाददाता, आगरा। अवैध मतांतरण गिरोह का नेटवर्क छह राज्यों उत्तर प्रदेश, बंगाल, उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली और गोआ में फैला हुआ है। संगठित गिरोह के हर सदस्य को किरदार दे रखे थे। कोई मतांतरण के लिए ब्रेन वाश करता था तो कोई फंडिंग का प्रबंधन कर रहा था। इनके लिए कनाडा, अमेरिका, लंदन और दुबई से फंडिंग होती थी। कुछ ठहराने की व्यवस्था करते थे तो कुछ सिम और मोबाइल आदि की व्यवस्था करते थे।
आयशा
इसका असली नाम एसबी कृष्णा है। यह मूलरूप से ओडिशा की रहने वाली है। अब गोवा में रह रही थी। पिता रिटायर सूबेदार हैं। मतांतरण के बाद आयशा नाम रख लिया। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती है। गोवा में मकान है। कोलकाता, बैरकपुर निवासी अली हसन उर्फ शेखर राय की कथित पत्नी है। गैंग के लिए वह वित्तीय प्रबंधन करती है। गिराेह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय सहायता प्राप्त होती है।विदेश से प्राप्त धन को अलग-अलग सदस्यों को ट्रांसफर किया जाता है।
अली हसन उर्फ शेखर राय: कोलकाता के बैरकपुर में रहता है और कोर्ट में कर्मचारी है। आयशा से जुड़ा हुआ है। गैंग की कानूनी मदद करता है। समाज के बड़े लोगों से उनकी पहचान कराता है। आयशा से रुपये लेकर गैंग के अन्य सदस्यों तक पहुंचाता है।
रीत बनिक उर्फ इब्राहिम: कोलकाता के बैरकपुर का ही रहने वाला है। यह गैंग का मुख्य सदस्य है।आयशा से सीधे जुड़ा हुआ है। इंस्टाग्राम पर कनेक्टिंग रिवर्ट नाम आईडी है। लोगों से कहता है कि सभी की पैदाइश इस्लाम में हुई है। यह युवाओं को मतांतरण के लिए ब्रेनवाश करता है।आगरा की सगी बहनों को कोलकाता उसी ने बुलाया था।
ओसामा: यह भी कोलकाता का रहने वाला है। यह रीत बनिक उर्फ इब्राहिम का एजेंट है। मतांतरण के लिए जिन्हें ब्रेनवाश करके लाया जाता है। उनके ठहरने का इंतजाम मुस्लिम बस्ती कराता है। शुरू में उनके होटल में रुकने का इंतजाम, मोबाइल और सिम उपलब्ध कराता है। आगरा की सगी बहनों को बस्ती में घर उसी ने दिलाया था।
रहमान कुरैशी : मूलरूप से वजीरपुरा का रहमान अब सराय ख्वाजा में रह रहा था। वह इंटरमीडिएट फेल है। सुन्ना नाम से यू ट्यूब चैनल चलाता है। एक लाख से अधिक फॉलोअर हैं। जो युवतियां मतांतरण कर इस्लाम अपनाती हैं, उनके वीडियो अपने चैनल पर चलाता है। यह दिखाता है कि वे अपने मूल धर्म में वापस लौटकर कितनी खुश हैं।इस तरह से दूसरे युवाओं को इस्लाम अपनाने के लिए उकसाता है।
मोहम्मद अली: जयपुर निवासी मोहम्मद अली गैंग के लिए राजस्थान में जिम्मेदारी संभालता है। कई लोगों के मतांतरण में अहम भूमिका निभा चुका है। वर्तमान में किसी हिंदू डाक्टर युवती को फंसा रखा है। खुद भी मतांतरण कर चुका है। पहले कलीम सिद्दीकी के लिए काम करता था। कलीम सिद्दीकी को पूर्व एटीएस ने मतांतरण के आरोप में जेल भेजा था।
अबू तालिब: खालापार मुजफ्फरनगर का मूल निवासी अबू तालिब वर्तमान में उत्तर प्रदेश में गैंग के लिए काम कर रहा था। मतांतरण के बाद लोगों के कागजात बनाने में मदद करता था।
अबुर रहमान: देहरादून के रहने वाले अबुर रहमान ने उत्तराखंड में मतांतरण की मुहिम छेड़ रखी थी। वर्तमान में अबू तालिब के संपर्क में था। दोनों मिलकर देहरादून में श्रृष्टि नाम की युवती का मतांतरण कराने वाले थे। आगरा पुलिस ने दोनों को पकड़ा तो यह पर्दाफाश हुआ। दोनों के खिलाफ देहरादून में भी मुकदमा दर्ज है।
मुस्तफा उर्फ मनोज कन्नौजिया: दिल्ली का रहने वाला मुस्तफा सीधे रीत बनिक उर्फ इब्राहिम से जुड़ा है। सगी बहनों के आगरा से दिल्ली पहुंचने पर उन्हें तीन दिन होटल में रुकवाया था। वहां से बस से बिहार भेजा था। बिहार से ट्रेन से दोनों बहनें कोलकाता पहुंची थीं। इंतजाम मुस्तफा ने कराया था।
जुनैद कुरैशी: जयपुर में गैंग का सक्रिय सदस्य था।वह जयपुर में मोहम्मद अली के लिए काम करता है। उसके लिए युवतियों को फंसाता है।
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