ऑपरेशन अस्मिता: चार दिन, 11 टीमों के 50 पुलिसकर्मी और मिशन सक्सेज... ऐसे हुईं लापता बहनें बरामद
आगरा पुलिस ने ऑपरेशन अस्मिता चलाकर लापता बहनों को खोज निकाला। साइबर सेल की मदद से सुराग मिलने पर 11 टीमों को छह राज्यों में भेजा गया। कोलकाता और गोवा में विशेष दबिश दी गई। एक महिला दारोगा ने मतांतरण के लिए संपर्क करके अहम जानकारी दी। डीजीपी ने पुलिस टीम को एक लाख रुपये का इनाम दिया।

जागरण संवाददाता, आगरा। लापता सगी बहनों की बरामदगी को ऑपरेशन अस्मिता के तहत पुलिस ने मजबूत प्लानिंग की थी। पहले साइबर थाना और सर्विलांस सेल ने साक्ष्य जुटाए। इसके बाद कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट लेकर पुलिस की 11 टीमों को छह राज्यों में भेजा गया।
कोलकाता में युवतियों के होने का सुराग मिला था। इसलिए यहां चार टीमें भेजी गईं। हवाई मार्ग से पुलिस की टीम गोवा भेजी गई। एक ही समय में पुलिस ने सभी छह राज्यों में दबिश दी और ऑपरेशन सफल हो गया। डीजीपी राजीव कृष्ण ने एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है।
सदर क्षेत्र की दो बहनों की गुमशुदगी चार मई को अपहरण में तरमीम की गई। इसके बाद पुलिस आयुक्त दीपक कुमार के निर्देशन में अपर पुलिस उपायुक्त आदित्य ने ऑपरेशन की कमान संभाली।
सड़क मार्ग से लेकर हवाई मार्ग तक से भेजी गई पुलिस की टीमें
पुलिस आयुक्त ने बताया कि दोनों बहनें मोबाइल नहीं ले गई थीं। घर से गए हुए समय बीत चुका था। इंटनेट मीडिया पर अपने असली नामों से एक्टिव नहीं थीं। स्वजन से बातचीत में कई जानकारियां मिलीं। उसके बाद साइबर सेल ने काम करना शुरू किया। इंस्टाग्राम पर कनेक्टिंग रिवर्ट आईडी मिली। पुलिस ने उसे खंगाला। कोलकाता का पता मिला। उस आईडी से जुड़े दूसरे नामों के प्रोफाइल खंगालना शुरू किया गया। पुलिस की तरफ से एक महिला दारोगा ने मतांतरण के लिए संपर्क किया।
पुलिस ने कड़ियों को जोड़ना शुरू किया
उस आईडी से रेस्पोंस मिला। उसके बाद पुलिस ने कड़ियों को आपस में जोड़ना शुरू किया। यहां से आयशा का सुराग मिलने के बाद बैंक खातों की जानकारी मिलीं। हर दिन जांच आगे बढ़ती जा रही थी। सात आरोपियों के खिलाफ सुराग मिलने के बाद उनके कोर्ट से गैर जमानती वारंट लिए गए।मजबूत सुराग मिलने के बाद चार दिन पहले पुलिस आयुक्त ने 11 टीमों को छह राज्यों में दबिश के लिए भेजा गया। कोलकाता में युवतियों की मौजूदगी थी।
महिला दारोगा को गिरोह से जोड़कर आरोपितों तक पहुंची पुलिस
इसको देखते हुए यहां एक एसीपी के नेतृत्व में चार टीमों को भेजा गया। अन्य स्थानों पर एक-एक टीम में चार से पांच पुलिसकर्मी लगाए गए। इनमें नेतृत्व इंस्पेक्टरों को दिया गया था। 50 पुलिसकर्मियों ने चार दिन तक दिन रात मेहनत की। तब जाकर लापता बहनें बरामद हुईं और गिरोह के सदस्य पकड़े गए।लखनऊ में डीजीपी राजीव कृष्ण ने आगरा कमिश्नरेट पुलिस के इस कार्य की सराहना की। साथ ही एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा भी की।
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