Sawan Ka Somwar: 820 वर्ष पुराना महादेव मंदिर है विशेष, पृथ्वीराज चौहान से विशेष संबंध; रोचक है इतिहास
श्रावण मास के चौथे सोमवार को आगरा के पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में भव्य मेला लगेगा। 820 वर्ष पुराने इस मंदिर का संबंध पृथ्वीराज चौहान से है। मंदिर में विशेष शिवलिंग स्थापित है। मेले में विभिन्न कार्यक्रम होंगे जिसमें भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए जाएंगे। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से पालीथीन का प्रयोग न करने की अपील की है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है।

जागरण संवाददाता, आगरा। Sawan Ka Somwar: शाहगंज स्थित पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर बेहद विशेष है, जिसकी महत्ता किसी से छिपी नहीं है। मंदिर 820 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है और इसका सीधा संबंध महाराजा पृथ्वीराज चौहान के काल से है। मान्यता है कि यहां स्थापित शिवलिंग की खोज उन्हीं ने की थी, जिस कारण मंदिर का नामकरण उनके नाम पर हुआ।
पवित्र श्रावण मास के चतुर्थ सोमवार पर यहां भव्य मेला लगाया जाता है, जिसकी तैयारियां आरंभ हो गई हैं। उद्घाटन रविवार दोपहर को होगा। सोमवार सुबह चार बजे से मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे। दिनभर में छह पहर की आरती होगी। शाम को भव्य फूल बंगला सजाकर भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए जाएंगे। भजन संध्या भी होगी।
बेहद प्राचीन है महादेव मंदिर
मंदिर महंत अजय राजौरिया ने बताते हैं कि पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर बेहद प्राचीन है और यहां स्थापित शिवलिंग भी विशेष है क्योंकि इसमें एक ही पत्थर पर शिवलिंग और शिवजी का पूरा परिवार स्थापित है। शिवलिंग कितना बड़ा है और उसका आधार कहां है, इसकी जानकारी किसी को नहीं।
मंदिर को लेकर रोचक किस्सा
मंदिर को लेकर एक रोचक किस्सा है कि एकबार पृथ्वीराज चौहान अपने सिपाहियों के साथ कहीं जा रहे थे। रात्रि विश्राम के लिए उन्होंने यहां स्थित एक टीले पर उगे पेड़ से अपना घोड़ा बांध दिया लेकिन घोड़े की रस्सी बार-बार खुल जाती थी। ऐसा देखकर उन्हें अजीब लगा, उन्होंने टीले की खोदाई कराई, तो नीचें से शिवलिंग अवतरित हुए। उन्हें बाहर निकालने का प्रयास किया, तो शिवलिंग का आधार उन्हें नहीं मिला। इस पर उन्होंने वहीं पर शिवलिंग स्थापित कराया।
आज भी शिवलिंग के दर्शन करने के लिए करीब आधा दर्जन से अधिक सीढ़ियां उतरकर गर्भग्रह में जाना पड़ता है। शिवलिंग स्थापना स्वयं पृथ्वीनाथ चौहान ने की थी, इसलिए मंदिर का नाम उन्हीं के नाम पर पृथ्वीनाथ महादेव पड़ा।
रविवार को होगा उद्घाटन
मेले का उद्घाटन रविवार दोपहर तीन बजे होगा। उद्घाटन के लिए मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाहा, केंद्रीय पंचायत राज राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, एमएलसी विजय शिवहरे को आमंत्रण भेजा गया है।
- उद्घाटन के बाद सोमवार सुबह तीन बजे भगवान का अभिषेक किया जाएगा।
- चार बजे आरती के बाद मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
- सुबह छह बजे, आठ बजे आरती के बाद शाम छह बजे शृंगार और महाआरती होगी।
- भव्य फूल बंगला सजाकर भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए जाएंगे।
- भजन संध्या में कलाकार भजनों की सुंदर प्रस्तुतियां देंगे।
- प्रसाद में दालबाटी वितरण किया जाएगा।
- रात्रि 10 बजे शयन आरती के बाद रात्रि 12 बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे।
पॉलिथीन न करें प्रयोग
श्रावण मास सोमवार पर मंदिर में कांवड़िये गंगाजल अर्पित करने मंदिर में पहुंचेंगे। साथ ही हजारों श्रद्धालु भी बाबा का अभिषेक कर आशीर्वाद लेंगे। ऐसे में मंदिर प्रशासन ने जल और दुग्ध अर्पित करने आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि मंदिर में पॉलिथीन या प्लास्टिक के बर्तन में जल और दुग्ध लेकर न आए, धातु के बर्तन में ही जल और दुग्ध लाकर भगवान का अभिषेक करें और स्वच्छता रखने में मदद करें।
यह रहेगी प्रवेश की व्यवस्था
सोमवार को मंदिर में भारी भीड़ उमड़ेगी। इसे देखते हुए मंदिर में एकल प्रवेश की व्यवस्था रहेगी। श्रद्धालु मुख्य द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे और पीछे वाले दूसरे द्वार से बारह निकलेंगे। महिलाओं और पुरुषों के लिए बैरिकेट लगाकर अलग-अलग प्रवेश की व्यवस्था रहेगी। भीड़ अधिक होने पर एकल मार्ग व्यवस्था का विकल्प खुला रखा जाएगा।
मंदिर में हुई भव्य सजावट
मेले के लिए मंदिर में रंग-बिरंगी विद्युत सजावट की जा रही है। सोमवार को फूलों से मंदिर परिसर सजाया जाएगा। क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की आकर्षक झांकियां सजाई जाएंगी। मेले को देखते हुए क्षेत्रीय लोगों में भी उत्साह दिखाई दे रहा है। लोगों ने अपने घरों पर सजावट की है, विद्युत झालरें लगाई जा रही हैं। साथ ही छोटे-बडे झूले विभिन्न स्थानों पर लगने लगे हैं। छोटे झूलों पर दिनभर बच्चों को जमघट रहा। विभिन्न सामानों की दुकानें भी सजना प्रारंभ होने लगी हैं। इससे क्षेत्र में मेला अपना रूप ले रहा है।
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