क्या होती है ओवर द एयर वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी, कैसे बदलेगा यूजर का एक्सपीरियंस
क्या है ओवर द एयर वायरलेस चार्जिंग, कैसे करती है यह टेक्नोलॉजी काम, जानें इसके बारे में
नई दिल्ली(टेक डेस्क)। सैमसंग अपने गैलेक्सी नोट लाइनअप के मामले में नए फीचर्स पेश करने के लिए जाना जाता है। कंपनी ने गैलेक्सी नोट 7 में आइरिस स्कैनर पेश किया था। नोट 8 में कंपनी ने ड्यूल प्राइमरी कैमरा सेटअप पेश किया था। यह सैमसंग का ऐसा पहला स्मार्टफोन था जिसमे ड्यूल प्राइमरी कैमरा सेटअप दिया गया था। इसी तरह, कंपनी अपने गैलेक्सी नोट 9 में ओवर द एयर (OTA) वायरलेस चार्जिंग लेकर आ सकती है।
क्या है ओवर द एयर वायरलेस चार्जिंग? कंपनी ने 2016 पेटेंट के लिए रजिस्टर किया था। OTA वायरलेस चार्जिंग अभी मौजूद वायरलेस चार्जिंग से काफी अलग तरीके से काम करता है। अभी मौजूद वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी में स्मार्टफोन को चार्ज करने के लिए चार्जिंग पैड सरफेस का फोन से टच होना जरुरी है। लेकिन OTA वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी के अंतर्गत फोन तभी चार्ज होना शुरू हो जाएगा जब वो रेंज में आ जाएगा। इसका मतलब यह है की फोन तब भी चार्ज किया जा सकेगा जब डिवाइस आपकी जेब में पड़ी हो।
OTA टेक्नोलॉजी कैसे करती है काम? इस टेक्नोलॉजी के साथ आने वाली डिवाइस ऐसी एल्गोरिथ्म का प्रयोग करेगी जो OTA चार्जिंग इनेबल कमरे में डिवाइस की एनर्जी पर फोकस करेगी। इस टेक्नोलॉजी से डिवाइस को तब भी चार्ज किया जा सकेगा, जब वो मूव कर रही हो। यह बहुत बड़ी टेक्नोलॉजी होने वाली है। इससे स्मार्टफोन्स को इस्तेमाल और चार्ज करने का तरीका बदल जाएगा। वायर चैजिंग से OTA वायरलेस चार्जिंग पर जाना उतना ही बड़ा बदलाव होगा, जितना लैंडलाइन से वायरलेस फोन्स का रहा था। हालांकि, इस टेक्नोलॉजी को आने में अभी 3-4 साल लग सकते हैं।
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