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    हाईकोर्ट का फैसला: बिना इजाजत मोबाइल कॉल रिकॉर्ड करना निजता का उल्लंघन, हो सकती है 2 साल की सजा

    By Anand PandeyEdited By: Anand Pandey
    Updated: Mon, 16 Oct 2023 05:30 PM (IST)

    punishment for call recording in india अगर आप किसी की इजाजत के बिना उसका मोबाइल कॉल रिकॉर्ड करते हैं तो आपके खिलाफ आईटी एक्ट-2000 की धारा 72 के तहत करवाई की जा सकती है। भारतीय संविधान के आर्टिकल 21 में हर व्यक्ति के पास निजता का अधिकार है। अगर आप दोषी पाएं जाते हैं तो इसके तहत दो साल की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना है।

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    भारतीय संविधान के आर्टिकल 21 में हर व्यक्ति के पास निजता का अधिकार है।

    नई दिल्ली, टेक्नोलॉजी डेस्क। भारत में फोन कॉल रिकॉर्डिंग को लेकर कई लोग ज्यादा परेशान होते हैं। कई लोग इस चीज से परेशान रहेत हैं कि कोई उनका कॉल चुपके से रिकॉर्ड न कर लें। कई लोग इस दिक्क्त में रहते हैं कि उनके फोन में कॉल रिकॉर्डिंग फीचर ही नहीं दिया है।

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    खैर अगर आप भी किसी कि कॉल रिकॉर्डिंग करते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है। बिना किसी की इजाजत के अगर आप फोन कॉल रिकॉर्ड करते हैं तो यह निजता के अधिकार का उल्लंघन है और आपके खिलाफ पुलिस कार्रवाई हो सकती है।

    कॉल रिकॉर्डिंग पर हाईकोर्ट का फैसला

    हमारी सहयोगी वेबसाइट www.naidunia.com के मुताबिक छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि किसी व्यक्ति की जानकारी के बिना उसके मोबाइल फोन पर बातचीत को रिकॉर्ड करना अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार का उल्लंघन है। उच्च न्यायालय एक महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें 2019 से लंबित रखरखाव मामले में उसके पति के आवेदन को अनुमति देने वाले पारिवारिक अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी।

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    एचसी ने पाया कि पति द्वारा अपनी पत्नी की जानकारी के बिना उसकी फोन पर बातचीत रिकॉर्ड करना उसके निजता के अधिकार का उल्लंघन है और साथ ही संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त याचिकाकर्ता के अधिकार का भी उल्लंघन है।

    क्या कहता है कानून?

    अगर आप किसी की इजाजत के बिना उसका मोबाइल कॉल रिकॉर्ड करते हैं तो आपके खिलाफ आईटी एक्ट-2000 की धारा 72 के तहत करवाई की जा सकती है। इस आईटी एक्ट के तहत किसी भी इलेक्ट्रानिक डिवाइस के जरिए किसी थर्ड पार्टी व्यक्ति की मंजूरी के बिना उससे जुड़ी सूचना, दस्तावेज जैसी चीजों को उसकी मंजूरी या जानकारी के बिना पब्लिक करना धारा-72 का उल्लंघन माना जाएगा।

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    भारतीय संविधान के आर्टिकल 21 में हर व्यक्ति के पास निजता का अधिकार है। अगर आप दोषी पाएं जाते हैं तो इसके तहत दो साल की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है।