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    Apple Pay भारत में नहीं होगा लॉन्च, जानें कंपनी ने क्यों लिया यह फैसला

    By Shilpa Srivastava Edited By:
    Updated: Sat, 08 Sep 2018 05:17 PM (IST)

    भारत के एंटी-डिजिटल इंडिया कदम से एप्पल भारत में अपना फ्लैगशिप कैशलैस पेमेंट सिस्टम लॉन्च नहीं करेगा

    Apple Pay भारत में नहीं होगा लॉन्च, जानें कंपनी ने क्यों लिया यह फैसला

    नई दिल्ली (टेक डेस्क)। अमेरिका की कंपनी ऐप्पल का पेमेंट सिस्टम Apple Pay भारत में लॉन्च नहीं किया जाएगा। भारत के एंटी-डिजिटल इंडिया कदम से एप्पल भारत में अपना फ्लैगशिप कैशलैस पेमेंट सिस्टम लॉन्च नहीं करेगा। आपको बता दें कि यह सर्विस फिलहाल ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मेनलैंड चीन, फ्रांस, हॉन्ग-कॉन्ग, आयरलैंड, इटली, जापान, न्यूजीलैंड, रूस, सिंगापोर, स्पेन, स्विटजरलैंड, यूके, अमेरका और ताइवान के यूजर्स के लिए ही उपलब्ध है।

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    एप्पल ने क्यों लिया यह फैसला?

    कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एप्पल कंपनी ने भारत में इस सर्विस की लॉन्चिंग फिलहाल टाल दी है। खबरों की मानें तो एप्पल तब तक यह सर्विस भारत में लॉन्च नहीं करेगा जब तक वो यह न देख लें कि भारत डिजिटल पेमेंट से जुड़े नियमों में आगे क्या बदलाव करता है। इससे पहले अमेजन और वॉट्सऐप ने भी अपनी डिजिटल पेमेंट सर्विस का लॉन्च भारत में इन्हीं कारणों के चलते टाल दिया था।

    इन 2 कारणों के चलते Apple Pay भारत में नहीं होगा लॉन्च:

    डाटा को भारत में स्टोर करना:

    इसी वर्ष अप्रैल में आरबीआई ने भारत की सभी डिजिटल वॉलेट और वित्तयो कंपनियों को भारतीय यूजर्स का डाटा भारत में स्टोर करने के निर्देश दिए थे। उस समय भारत में करीब 2 ट्रिलियन डॉलर का डिजिटल ट्रांजेक्शन हो रहा था। आरबीआई ने अपने बयान में कहा था, सभी पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके प्लेटफॉर्म द्वारा किए जा रहे ऑनलाइन लेन-देन से संबंधित डाटा को भारत में ही स्टोर किया जाएगा।” इसी वर्ष अगस्त में सरकार ने एक क्लाउड कमप्यूटिंग पॉलिसी पेश की थी जिसके तहत सभी इंटरनेट और डिजिटल कंपनियों को भारत में डाटा स्टोर करने के लिए कहा गया था। यही सबसे बड़ा कारण है कि एप्पल भारत में Apple Pay लॉन्च नहीं कर रहा है क्योंकि वो फिलहाल भारत में डाटा स्टोर नहीं कर सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां उसके पास कोई डाटा सेंटर नहीं है।

    कॉन्टैक्टलेस और पिनलेस ट्रांजैक्शन की अनुमति नहीं:

    दूसरा सबसे बड़ा कारण पिनलेस पेमेंट है। NPCI ने Apple Pay के पिनलेस पेमेंट सिस्टम को अनुमति नहीं दी है। Apple Pay कॉन्टैक्टलेस पेमेंट सिस्टम पर कम करता है जिसमें किसी पिन और OTP की जरुरत नहीं होती है। इसके जरिए केवल फिंगरप्रिंट के जरिए ही पेमेंट हो जाता है। जबकि NPCI ने निर्देश जारी किए हैं कि पेमेंट को वेरिफाई करने के लिए 4 से 6 डिजिट का पिन होना आवश्यक है। फिलहाल NPCI बायोमेट्रिक एक्सेस आधारित भुगतान की अनुमति नहीं दे रहा है।

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