Vastu Tips For Tulsi: तुलसी पूजन के समय जरूर बोलें ये दिव्य मंत्र, रोग-शोक और पैसों की तंगी से मिलेगा छुटकारा
Vastu Tips For Tulsi माना जाता है कि रोजाना तुलसी के दर्शन और पूजन करने से व्यक्तिो ंको सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे ही जानिए तुलसी पूजन के समय किन दिव्य मंत्रों का जाप करना होगा शुभ।

नई दिल्ली, Vastu Tips For Tulsi: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पूजनीय माना जाता है। इसी कारण तुलसी का पौधा अधिकतर घरो में होता है। वेद-शास्त्रों के साथ-साथ वास्तु शास्त्र के हिसाब से भी तुलसी का पौधा काफी शुभ माना जाता है। तुलसी के पौधे की पूजा करने के कई कारण वेद शास्त्रों में बताए गए हैं। तुलसी को वृंदा नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, स्वर्ग का प्रवेश द्वार या भगवान विष्णु का निवास वैकुंठ माना जाता है। इसलिए लोगों को मोक्ष की प्राप्ति के लिए अंतिम समय में भी तुलसी की पत्ती खिलाई जाती है। शांति और समृद्धि के लिए हर दिन तुलसी के पूजा की जाती है।
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वास्तु के अनुसार, तुलसी का पवित्र पौधा वास्तु दोष को खत्म करने में मदद करता है। तुलसी की पूजा करने के बाद परिक्रमा करना लाभकारी माना जाता है। ऐसा करने से शरीर में मौजूद बुराई और नकारात्मकता को दूर करने में मदद करती है। वास्तु शास्त्र में तुलसी पूजन को लेकर कई नियम और मंत्र बताए गए हैं। तुलसी को जल चढ़ाने, पत्ती तोड़ने से लेकर पूजन के समय किन मंत्र को बोलना चाहिए। इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। ऐसे ही व्यक्ति अगर धन लाभ के साथ हर क्षेत्र में सफलता पाना चाहता है, तो तुलसी के पौधे की पूजा कते समय इन दो दिव्य मंत्र को जरूर बोले।
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तुलसी पूजन के समय बोलें ये 2 दिव्य मंत्र
तुलसी की प्रतिदिन पूजा करने से व्यक्ति को धन-संपदा, वैभव, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं। इसलिए तुलसी की पूजा करते समय अपनी मनोकामनाओं को ध्यान करते हिए तुलसी मां के इन दो दिव्य मंत्रों को बोलना चाहिए। इससे व्यक्ति को इच्छा अवश्य पूर्ण होती है।
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1-तुलसी स्तुति मंत्र :
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
2- तुलसी नामाष्टक मंत्र
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
Pic Credit- Instagram/ambica_nasta_house_jhalod
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