Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्र में इन उपाय से वास्तु दोष करें दूर, मां दुर्गा की बरसेगी की कृपा
सनातन धर्म में नवरात्र के पर्व का विशेष महत्त्व है। वैसे साल में 04 बार नवरात्र का पर्व मनाया जाता है लेकिन चैत्र (Chaitra Navratri 2025)और शारदीय नवरात्र का अधिक महत्व है। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के 09 रूपों की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस दौरान वास्तु दोष (Vastu Dosh Ke Upay) से दूर करने के लिए उपाय भी किए जाते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vastu Dosh Upay: चैत्र नवरात्र के पर्व का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है और ये नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों को समर्पित हैं। इस दौरान मां दुर्गा की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025 Upay) के दौरान उपासना और व्रत करने से मां दुर्गा की कृपा से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है।
इस दौरान कई तरह के उपाय भी किए जाते हैं, जिसमें वास्तु दोष उपाय भी शामिल है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, वास्तु दोष की वजह से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि चैत्र नवरात्र में कैसे दूर करें वास्तु दोष?
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वास्तु दोष के उपाय
- वास्तु दोष को दूर करने के लिए चैत्र नवरात्र में पूजा-अर्चना करने के लिए मां दुर्गा की प्रतिमा घर लाएं। एक बात का खास ध्यान रखें कि प्रतिमा खंडित नहीं होनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, मां दुर्गा की प्रतिमा ईशान कोण में रखें। इस दिशा में मां दुर्गा की प्रतिमा विराजमान करने के लिए शुभ मानी जाती है। माना जाता है कि इस उपाय को करने से वास्तु दोष से छुटकारा मिलता है और नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। साथ ही साधक पर मां दुर्गा की कृपा बरसती है।
- चैत्र नवरात्र में अखंड ज्योत जलाने का विधान है। इस ज्योत को दक्षिण पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस टोटके को करने से सभी तरह के दोष दूर होते हैं। साथ ही कामों में सफलता मिलती है।
- सनातन धर्म में देवी-देवता की आरती तेल ता फिर घी का दीपक जलाकर आरती की जाती है। वास्तु शास्त्र की मानें चैत्र नवरात्र में घी का जलाकर उसे दाहिने हाथ की तरफ रखें। इससे वास्तु दोष दोष दूर होता है और घर में मां दुर्गा का आगमन होता है।
चैत्र नवरात्र 2025 डेट और टाइम (Chaitra Navratri 2025 Start and End Date)
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर शुरू हो रही है और वहीं, तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा। इस प्रकार चैत्र नवरात्र की शुरुआत 30 मार्च से होगी और समापन 07 अप्रैल को होगा।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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