Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्र के व्रत में भूलकर भी न करें ये गलतिया, वरना पूर्ण नहीं माना जाएगा व्रत!
चैत्र नवरात्र का व्रत बहुत ही मंगलकारी माना जाता है। यह मां दुर्गा को समर्पित है। कहा जाता है कि इस अवधि में माता रानी के नौ स्वरूपों की पूजा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। कहते हैं कि जो लोग इस व्रत के सभी नियमों का पालन करते हैं उन्हें मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र का पर्व पूरे देश में बेहद खुशी और भव्यता के साथ मनाया जाता है। इस नौ दिवसीय उत्सव के दौरान लोग मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं। साथ ही कठिन उपवास का पालन करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र नवरात्र 30 मार्च, 2025 से शुरू होगा और इसका समापन 07 अप्रैल, 2025 को होगा। ऐसे में जो लोग इस व्रत का पालन करने वाले हैं, उन्हें इससे जुड़े कुछ नियम (Chaitra Navratri 2025 Rules ) जान लेना चाहिए, ताकि व्रत में किसी भी प्रकार की गलती न हो, आइए यहां जानते हैं।
नवरात्र व्रत के नियम (Chaitra Navratri Vrat Niyam 2025)
- जो साधक नवरात्र के दौरान उपवास रख रहें हैं, उन्हें जल्दी उठना चाहिए।
- व्रत के दौरान (Chaitra Navratri Vrat Mistakes) तामसिक चीजें जैसे - शराब, तंबाकू और मांसाहारी भोजन के सेवन से बचना चाहिए।
- इन पूरे नौ दिनों तक साधक को नाखून काटने, बाल कटवाने या दाढ़ी काटने से बचना चाहिए।
- व्रती कुट्टू, सिंघाड़े का आटा, दूध, साबूदाना, आलू और ऋतु फलों का सेवन कर सकते हैं।
- व्रती को सरसों का तेल और तिल का सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि मूंगफली का तेल और घी का उपयोग किया जा सकता है।
- नवरात्र के उपवास में रोजाना उपयोग वाले नमक का सेवन नहीं करना चाहिए, लेकिन सेंधा नमक का उपयोग किया जा सकता है।
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- व्रतियों को दिन में सोने से बचना चाहिए।
- साधक को हमेशा साफ कपड़े पहनने चाहिए और चमड़े से बने कपड़ों व चीजों से दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही काले कपड़े पहनने से भी बचना चाहिए।
- वहीं, बच्चों, गर्भवती महिलाओं व गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को इस व्रत को नहीं रखना चाहिए।
- इस दौरान महिलाओं का अपमान भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
- इस दौरान घर में खुशनुमा माहौल रखना चाहिए।
- इस दौरान व्रत को कहीं ठहरने से बचना चाहिए।
- इस दौरान ज्यादा से ज्यादा देवी के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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