Move to Jagran APP

Bhadli Navami 2024: इस साल कब मनाई जाएगी भड़ली नवमी? नोट करें शुभ मुहूर्त, तिथि एवं महत्व

भड़ली नवमी पर सिद्ध योग सुबह 07 बजे तक है। इसके बाद साध्य योग का निर्माण हो रहा है। साध्य योग 16 जुलाई को सुबह 07 बजकर 19 मिनट तक है। वहीं रवि योग पूरे दिन है। भगवान शिव भी भड़ली नवमी पर जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती के साथ कैलाश पर विराजेंगे। इस समय में पूजा-भक्ति करना श्रेष्ठकर होगा। साथ ही शुभ कार्य की शुरुआत कर सकते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarThu, 23 May 2024 01:59 PM (IST)
Bhadli Navami 2024: इस साल कब मनाई जाएगी भड़ली नवमी? नोट करें शुभ मुहूर्त, तिथि एवं महत्व
Bhadli Navami 2024: इस साल कब मनाई जाएगी भड़ली नवमी? नोट करें शुभ मुहूर्त, तिथि एवं महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhadli Navami 2024: हर वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के अगले दिन भड़ली नवमी मनाई जाती है। यह दिन अक्षय तृतीया की तरह शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो भड़ली नवमी स्वंयसिद्ध तिथि है। इस तिथि पर सभी प्रकार के शुभ कार्य कर सकते हैं। साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए किसी ज्योतिष से सलाह लेने की आवश्यकता नहीं होती है। आइए, भड़ली नवमी की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

यह भी पढ़ें: आखिर किस वजह से कौंच गंधर्व को द्वापर युग में बनना पड़ा भगवान गणेश की सवारी?

शुभ मुहूर्त

आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 14 जुलाई को संध्याकाल 05 बजकर 26 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 15 जुलाई को शाम 07 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार 15 जुलाई को भड़ली नवमी मनाई जाएगी। इस दिन गुप्त नवरात्र की नवमी भी होगी। इस वर्ष 06 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक गुप्त नवरात्र है। इन नौ दिनों में दस महाविद्याओं की देवी की भक्तिभाव से पूजा-अर्चना की जाती है। तंत्र साधना सीखने वाले साधक इन नौ दिनों में मां की कठिन तपस्या करते हैं।

योग 

भड़ली नवमी पर सिद्ध योग सुबह 07 बजे तक है। इसके बाद साध्य योग का निर्माण हो रहा है। साध्य योग 16 जुलाई को सुबह 07 बजकर 19 मिनट तक है। वहीं, रवि योग पूरे दिन है। भगवान शिव भी भड़ली नवमी पर जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती के साथ कैलाश पर विराजेंगे। इस समय में पूजा-भक्ति करना श्रेष्ठकर होगा। साथ ही शुभ कार्य की शुरुआत कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें: कब और कैसे हुई धन की देवी की उत्पत्ति? जानें इससे जुड़ी कथा एवं महत्व

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।