Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bhakoot Dosha: बेहद खतरनाक होता है भकूट दोष? इन उपायों से मिलती है राहत

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 23 May 2024 01:26 PM (IST)

    सनातन धर्म में विवाह पूर्व वर और वधु की कुंडली मिलान की जाती है। इससे विवाह के बाद वैवाहिक जीवन की जानकारी मिलती है। अगर कुंडली मिलान में नाड़ी भकूट गण दोष लगते हैं तो वर और वधु का वैवाहिक जीवन बेहद कष्टमय बीतता है। कुंडली मिलान में चंद्रमा एक दूसरे (वर-वधू) की कुंडली के 6-8 9-5 या 12-2 भाव में रहने पर भकूट दोष बनता है।

    Hero Image
    Bhakoot Dosha: बेहद खतरनाक होता है भकूट दोष? इन उपायों से मिलती है राहत

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhakoot Dosha: सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। ज्योतिष कुंडली देखकर व्यक्ति विशेष की भविष्यवाणी करते हैं। इस शास्त्र के माध्यम से रोजगार, कारोबार, प्रेम, विवाह, संतान समेत सभी प्रकार की जानकारी मिल जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो अशुभ ग्रहों के प्रभाव के चलते कुंडली में कई प्रकार के दोष लगते हैं। इनमें किसी एक दोष से पीड़ित होने पर जातक को जीवन में नाना प्रकार की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। लेकिन क्या आपको पता है कि भकूट दोष कब लगता है ? आइए, इस दोष के बारे में सबकुछ जानते हैं-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: आखिर किस वजह से कौंच गंधर्व को द्वापर युग में बनना पड़ा भगवान गणेश की सवारी?

    कैसे बनता है भकूट दोष ?

    सनातन धर्म में विवाह पूर्व वर और वधु की कुंडली मिलान की जाती है। इससे विवाह के बाद वैवाहिक जीवन की जानकारी मिलती है। अगर कुंडली मिलान में नाड़ी, भकूट, गण दोष लगते हैं, तो वर और वधु का वैवाहिक जीवन बेहद कष्टमय बीतता है। कुंडली मिलान में चंद्रमा एक दूसरे (वर-वधू) की कुंडली के 6-8, 9-5 या 12-2 भाव में रहने पर भकूट दोष बनता है।

    भकूट दोष के प्रभाव

    भकूट दोष कई प्रकार के होते हैं। इनमें 6-8, 9-5 और 12-2 का भकूट दोष अधिक कष्टकारी माना जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो भकूट दोष लगने पर वर और वधु को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता है। विवाह के बाद संतान प्राप्ति में दिक्कत होती है। साथ ही स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।

    उपाय

    भकूट दोष लगने पर वरिष्ठ ज्योतिष से अवश्य सलाह लें।

    भकूट दोष हेतु निवारण अनिवार्य है। अतः भकूट दोष का निवारण कराएं।

    वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानी को दूर करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

    मंगलवार और गुरुवार का व्रत करना लाभकारी होता है।

    रोजाना स्नान-ध्यान के बाद सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें।

    रोजाना पूजा के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें।

    यह भी पढ़ें: कब और कैसे हुई धन की देवी की उत्पत्ति? जानें इससे जुड़ी कथा एवं महत्व

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।