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    Baidyanath Mandir: इस मंदिर में नहीं पड़ता है किसी भी तिथि व ग्रहों का अशुभ प्रभाव, पूरे साल होते हैं मांगलिक कार्य

    Updated: Mon, 20 May 2024 04:36 PM (IST)

    भगवान शंकर (Shiv Ji) की पूजा बेहद कल्याणकारी मानी जाती है। उन्हें औघड़दानी भी कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों से तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी पूजा में ज्यादा किसी सामग्री की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसा कहा जाता है कि शिव जी की पूजा से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं साथ ही घर में शुभता बनी रहती है।

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    Baidyanath Mandir: बाबा बैद्यनाथ मंदिर से जुड़ी रोचक जानकारी -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Baidyanath Mandir: भगवान शिव की पूजा बेहद फलदायी मानी जाती है। शिव जी को औघड़दानी भी कहा जाता है, क्योंकि वे अपने भक्तों से तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी पूजा में ज्यादा किसी सामग्री की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसा कहा जाता है कि शिव जी की पूजा से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं, साथ ही घर में संपन्नता बनी रहती है।

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    वहीं, आज हम भोलेनाथ के एक ऐसे मंदिर का जिक्र करेंगे, जहां पर शुभ कार्यों के लिए किसी तिथि व शुभ मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है, तो आइए उसके बारे में जानते हैं -

    पूरे साल होते हैं यहां मांगलिक कार्य

    झारखण्ड राज्य के देवघर नामक स्‍थान में बाबा बैद्यनाथ का एक ऐसा मंदिर स्थित है, जिसको लेकर कहा जाता है कि यहां पर किसी भी अशुभ ग्रह, तिथि और खरमास के समय का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। ऐसी मान्यता है कि बैद्यनाथ मंदिर में किसी भी प्रकार की पूजा, मुंडन, विवाह आदि जैसे शुभ कार्य किए जाते हैं। इस पवित्र शिव धाम में पूरे साल मांगलिक कार्य के लिए किसी भी शुभ तिथि और समय की आवश्यकता नहीं होती है।

    मंदिर के शिखर पर नहीं है त्रिशूल

    शिव मंदिर के शिखर पर आपने हमेशा त्रिशूल देखा होगा, लेकिन यह एक मात्र ऐसा धाम है, जहां त्रिशूल के स्थान पर पंचशूल को विराजमान किया गया है। पंचशूल को इस मंदिर का सुरक्षा कवच माना जाता है, जिसे हर साल महाशिवरात्रि से ठीक एक दिन पहले विधि-विधान के साथ मंदिर के शिखर पर पुन: स्थापित किया जाता है। इस चमत्कारी मंदिर में भक्त दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं, जहां उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।