Shani Sade Sati: कुंभ राशि के जातकों को कब मिलेगी शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति, इन उपायों से पाएं राहत
न्याय के देवता शनिदेव (Shani Sade Sati) तुला राशि के जातकों को हमेशा शुभ फल देते हैं। उनकी कृपा से तुला राशि के जातक सभी क्षेत्रों में बेहतर करते हैं। इसके साथ ही बेहद कर्मशील होते हैं। शनिदेव की कृपा से तुला राशि के जातक सेवा क्षेत्र से जुड़े होते हैं। ज्योतिष शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए भगवान शिव की पूजा करने की सलाह देते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है। इस दिन कर्मफल दाता शनिदेव की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त शनिवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही करियर और कारोबार संबंधी परेशानी दूर होती है। इसके अलावा, जीवन में आने वाली बलाएं भी टल जाती हैं।
वर्तमान समय में न्याय के देवता गुरु की राशि मीन में विराजमान हैं। इस राशि में शनिदेव अगले ढ़ाई साल तक रहेंगे। मीन राशि में शनि की उपस्थिति से मेष राशि के जातकों पर साढ़े साती शुरू हुई है। लेकिन क्या आपको पता है कि कुंभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती कब समाप्त होगी? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
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कुंभ राशि
कुंभ राशि के स्वामी न्याय के देवता शनिदेव हैं और आराध्य देवों के देव महादेव हैं। इस राशि का शुभ रंग आसमानी है और शुभ अंक 10 और 11 है। कुंभ राशि के जातकों पर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है। भगवान शिव की पूजा करने से न्याय के देवता शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनिदेव की कृपा से कुंभ राशि के जातकों को सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है। इस राशि के जातकों के लिए नीलम बेहद शुभ होता है। अत: कुंभ राशि के जातक ज्योतिष से सलाह लेकर नीलम धारण कर सकते हैं।
कब समाप्त होगी शनि की साढेसाती?
न्याय के देवता शनिदेव 03 जून, 2027 को शनिदेव अपनी चाल बदलेंगे। इस दिन न्याय के देवता शनिदेव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। शनिदेव के मेष राशि में गोचर करने से वृषभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती शुरू होगी। वहीं, कुंभ राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही सिंह और धनु राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी।
शनिदेव को कैसे करें प्रसन्न?
कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव हैं। इसके लिए कुंभ राशि के जातक शनिवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद पीपल के पेड़ में जल का अर्घ्य दें। इस समय तीन बार परिक्रमा करें। इसके साथ ही शनिवार के दिन काले तिल, सरसों तेल, छतरी, कंबल, चमड़े के जूते -चप्पल आदि चीजों का दान करें। इसके साथ ही सोमवार और शनिवार के दिन काले तिल मिश्रित जल से भगवान शिव का अभिषेक करें। इन उपायों के करने से साढ़ेसाती में अवश्य ही राहत मिलेगी।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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