Shani Sade Sati: मेष राशि के जातकों को कब मिलेगी साढ़ेसाती से मुक्ति, ऐसे करें शनिदेव को प्रसन्न
शनिदेव (Shani Sade Sati) को न्याय का देवता कहा जाता है। कुंभ और मकर राशि के स्वामी शनिदेव हैं। देवों के देव महादेव की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। अपनी कृपा साधक पर बरसाते हैं। शनिदेव की कृपा से साधक को अल्प समय में ऊंचा मुकाम हासिल होता है। ज्योतिष भी शनि की बाधा से मुक्ति के लिए शनिदेव की पूजा करने की सलाह देते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Sade Sati: न्याय के देवता शनिदेव ने हाल ही में राशि परिवर्तन किया है। वर्तमान समय में शनिदेव मीन राशि में विराजमान हैं। इससे पहले शनिदेव कुंभ राशि में विराजमान थे। शनिदेव के मीन राशि में गोचर करने से मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती शुरू हुई है। वहीं, मकर राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल गयी है। लेकिन क्या आपको पता है कि मेष राशि के जातकों को कब शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
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मेष राशि
मेष राशि के स्वामी ऊर्जा के कारक मंगल देव हैं और आराध्य हनुमान जी हैं। इस राशि का शुभ रंग लाल है और शुभ अंक एक और आठ है। मेष राशि के जातकों पर सूर्य देव की विशेष कृपा बरसती है। सूर्य देव की कृपा से मेष राशि के जातक करियर और कारोबार दोनों क्षेत्रों में उत्तम करते हैं। वहीं, जीवन में सफल होने के लिए मेष राशि के जातक रोजाना पूजा के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कब मिलेगी साढ़े साती से मुक्ति?
ज्योतिषियों की मानें तो वर्तमान समय में शनिदेव मीन राशि में विराजमान हैं। इस राशि में शनिदेव 03 जून, 2027 को सुबह 05 बजकर 26 मिनट तक रहेंगे। इसके बाद शनिदेव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन से मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा। वहीं, 17 अप्रैल 20230 को शनिदेव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। इस दिन से मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण शुरू होगा। वहीं, 31 मई, 2032 के दिन मेष राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी।
शनि देव को कैसे करें प्रसन्न?
हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। साथ ही शनि की बाधा भी दूर होती है। इसके लिए हर मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके साथ ही शनिवार के दिन काले तिल का दान करें। वहीं, शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में जल का अर्घ्य दें। इन उपायों को करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनिदेव की कृपा साधक पर बरसती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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