Shani Dhaiya 2025: शनि की ढैय्या से मुक्ति के लिए करें ये उपाय, जीवन में होंगे चमत्कारी बदलाव
कई ऐसे ज्योतिष उपाय (Shani Dhaiya 2025 Remedies) हैं जिन्हें करने से शनि की ढैय्या के नकारात्मक प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि शनि देव न्यायप्रिय हैं और वे उन्हीं को कष्ट देते हैं जो अन्याय करते हैं। इसलिए गलत करने से बचें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह का विशेष महत्व है। वे न्याय और कर्मफल के देवता माने जाते हैं। शनि की दशा, चाहे वो साढ़ेसाती हो या ढैय्या, व्यक्ति के जीवन में बड़े बदलाव लेकर आती है। इस साल कुछ राशियों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा, जिससे उनके जीवन में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। हालांकि ज्योतिष में इन प्रभावों (Saturn Transit Effects) को कम करने और शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को श्रद्धापूर्वक करने से जीवन में चमत्कारी बदलाव देखे जा सकते हैं।
शनि ढैय्या के प्रभाव
शनि की ढैय्या ढाई साल की अवधि होती है, जिसके दौरान शनि किसी राशि से गोचर करते हुए चौथी या आठवीं राशि पर स्थित होते हैं। इस दौरान व्यक्ति को मानसिक तनाव, आर्थिक परेशानियां, स्वास्थ्य समस्याएं और करियर में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यह भी माना जाता है कि यदि व्यक्ति के कर्म अच्छे हों तो शनि की ढैय्या (Shani Dosh Solutions) सकारात्मक परिणाम भी दे सकती है, तो आइए इसके प्रभाव को कम करने के लिए
शनि की ढैय्या से मुक्ति के अचूक उपाय (Shani Dhaiya 2025 Remedies)
पूजा-पाठ - शनि देव की नियमित रूप से पूजा-अर्चना करें। शनिवार के दिन विशेष रूप से शनि मंदिर जाएं और उन्हें नीले फूल, काले तिल, तेल और काले वस्त्र अर्पित करें।
हनुमान चालीसा का पाठ - भगवान हनुमान शनि देव के प्रकोप से रक्षा करते हैं। नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि की ढैय्या के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और साहस व शक्ति मिलती है।
पीपल वृक्ष की पूजा - शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाएं और सात बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
दान-पुण्य करें - जरूरतमंदों को दान करके शनि देव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। ऐसे में काले तिल, उड़द की दाल, लोहा, तेल और काले वस्त्रों आदि का दान विशेष फलदायी माना जाता है।
अच्छे कर्म करें - शनि देव कर्मफल दाता हैं। इसलिए अपने कर्मों को शुद्ध रखें। किसी को भी धोखा न दें, ईमानदारी से काम करें और दूसरों की मदद करें।
शनि मंत्र का जाप - "ॐ शं शनैश्चराय नमः" या "ॐ नीलांजनाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्नो सौरिः प्रचोदयात्" आदि मंत्रों का नियमित रूप से जाप करें।
शनिवार का व्रत - शनिवार का व्रत रखने की कोशिश करें। इस दिन नमक का सेवन न करें और सात्विक भोजन ग्रहण करें।
गुस्सा करने से बचें - शनि देव को गुस्सा और घमंड पसंद नहीं हैं। इसलिए अपने स्वभाव में विनम्रता लाएं और क्रोध से बचें।
पशु-पक्षियों की सेवा - पशु-पक्षियों की सेवा करें। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं। खासकर काले कुत्ते को रोटी खिलाना शुभ माना जाता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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