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    Shani Gochar 2025: 29 मार्च को बन रहा दुर्लभ संयोग, मीन राशि में प्रवेश करेंगे शनि देव; कृपा पाने के लिए करें ये उपाय

    Updated: Fri, 28 Mar 2025 09:07 AM (IST)

    Shani Gochar 2025 29 मार्च को शनि देव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। मीन राशि में शनि के साथ सूर्य बुध शुक्र चंद्रमा और राहु विद्यमान रहेंगे। मीन राशि में शनि सहित छह ग्रहों की युति से देश के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के अवसर बनेंगे। कृषि-व्यापार में वृद्धि होगी। अमावस्या के दिन शनि का राशि बदलना बेहद दुर्लभ संयोग होगा

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    कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे शनि देव

    जागरण संवाददाता, पटना। Shani Gochar 2025: चैत्र कृष्ण अमावस्या 29 मार्च शनिवार को शनैश्चरी अमावस्या का संयोग बना रहेगा। इस दिन न्याय के देवता और सूर्य पुत्र शनिदेव रेवती नक्षत्र के प्रथम चरण में रात्रि 9.13 बजे कुंभ राशि से निकल कर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। सभी ग्रहों में शनि देव की चाल सबसे धीमी है।

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    अच्छे कर्मों का मिलता है शुभ फल

    ऐसा माना जाता है कि शनि देव अच्छे कर्म करने वालों को शुभ फल देते हैं। वहीं, बुरे कर्म करने वालों को शनि देव की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शनि देव के मीन राशि में प्रवेश करने पर सभी राशियों के जातकों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा।

    57 वर्ष बाद बन रहा संयोग

    • शनि के 57 वर्ष बाद मीन राशि में आने से षठग्रही योग बनेगा। मीन राशि में शनि के साथ सूर्य, बुध, शुक्र, चंद्रमा और राहु विद्यमान रहेंगे।
    • इसके पूर्व 1968 के अप्रैल महीने में ऐसा संयोग बना था। इसके साथ ही 29 मार्च को सूर्यग्रहण लगेगा। हालांकि, यह भारत में दिखाई नहीं देगा।

    अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का संकेत

    अमावस्या के दिन शनि का राशि बदलना दुर्लभ संयोग होगा। यह अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का संकेत हैं। ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि गुरु की राशि में मीन में शनि के प्रवेश से धार्मिक और आध्यात्मिक उत्थान होगा। कृषि व व्यापार के क्षेत्र में वृद्धि होगी।

    मीन राशि में 6 ग्रहों की युति बेहद शुभ

    मीन राशि में छह ग्रहों की युति से देश के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के अवसर बनेंगे। दुनिया में देश की धाक बढ़ेगी। विज्ञान, अध्यात्म, धर्म और संस्कृति के लिए यह बेहद शुभ साबित होगा। भूमि, भवन , वाहन, अचल संपत्ति आदि का सुख मिलेगा।

    शनि की आराधना का सर्वोत्तम दिन

    शनिवार के दिन अमावस्या होने से इस दिन की महत्ता कई गुना बढ़ गई है। न्याय के देवता शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनि अमावस्या का दिन सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

    साढ़े साती और ढैय्या के प्रकोप से बचने के लिए करें ये उपाय

    जिन राशियों पर शनि की साढ़े साती और ढैय्या का प्रकोप रहता है, उन्हें इस दिन शनिदेव की पूजा के साथ स्नान-दान, पीपल की परिक्रमा और उसमें तिल युक्त जलार्घ्य करना चाहिए।

    इसके साथ ही शिव की पूजा, सुंदरकांड का पाठ, तेल चढ़ाना, पादुका, छाता, लोहा, तेल, अन्न, काला या नीला वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है। न्याय देवता शनिदेव अच्छे कर्म करने वाले को अच्छा फल व बुरा कर्म करने वाले को कष्ट देते हैं।

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