Weekly Vrat Tyohar 10 To 16 Feb 2025: कब है माघ पूर्णिमा और कुंभ संक्रांति? जानें व्रत-त्योहार की डेट
हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ माह 11वां महीना होता है। माघ महीने को महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में भगवान विष्णु श्री कृष्ण और सूर्य देव की पूजा की जाती है और पवित्र नदी में स्नान और दान किया जाता है। साथ ही इस माह में कई पर्व मनाए जाते हैं। आइए जानते हैं कि फरवरी (Weekly Vrat Tyohar 2025) के इस सप्ताह में पड़ने व्रत-त्योहारों के बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। First Week 2025 Festival List: अब जल्द ही फाल्गुन का महीना शुरू होने जा रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन आखिरी महीना होता है। इसके बाद हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। धार्मिक मान्यता है कि फाल्गुन माह में पूजा-अर्चना और विशेष चीजों का दान करने से जातक को सभी पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन में आ रहे दुख और संकट दूर होते हैं।
अब फरवरी का नया सप्ताह शुरू होने वाला है। इस सप्ताह में कई व्रत-पर्व मनाए जाते हैं। जैसे- माघ पूर्णिमा और कुंभ संक्रांति आदि। इन सभी पर्व का विशेष महत्व है। ऐसे में आइए जनते हैं कि 10 फरवरी से 16 फरवरी तक मनाए जाने वाले व्रत-त्योहारों (Weekly Vrat Tyohar 2025) की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।
माघ पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त (Magh Purnima 2025 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत 11 फरवरी को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर हो रही है और तिथि का समापन 12 फरवरी को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में माघ पूर्णिमा (Magh Purnima Significance) का पर्व 12 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन कुंभ संक्रांति और गुरु रविदास जयंती भी है।
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फाल्गुन माह 2025 डेट और टाइम (Falgun Month 2025 Start and End Date)
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 13 फरवरी की रात को 08 बजकर 21 मिनट पर होगी। इस प्रकार से 13 फरवरी से फाल्गुन माह की शुरुआत होगी और इसका समापन अगले महीने यानी 14 मार्च को होगा। इस दिन ललिता जयंती का पर्व भी मनाया जाएगा।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2025 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 15 फरवरी को रात को 11 बजकर 52 मिनट पर हो रहा है और तिथि 17 फरवरी को रात 02 बजकर 15 मिनट पर समाप्त हो रही है। ऐसे में द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत 16 फरवरी को किया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही जीवन में आ रहे संकटों को दूर करने के लिए व्रत भी किया जाता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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