Weekly Vrat Tyohar 23 To 29 Dec 2024: कब है सफला एकादशी और प्रदोष व्रत? नोट करें व्रत-त्योहार की डेट
पौष माह में जगत के पालनहार भगवान विष्णु सूर्य देव और पितरों की पूजा-अर्चना करने के लिए शुभ माना जाता है। वहीं पौष माह में खरमास लगता है। इस दौरान शुभ और मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि 23 दिसंबर से लेकर 29 दिसंबर तक मनाए जाने वाले व्रत-त्योहारों (Weekly Festival List) की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में सभी माह को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। अभी पौष का महीना चल रहा है। धार्मिक मान्यता है कि पौष माह में सूर्य देव और पितरों की पूजा-अर्चना करने से जातक को जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार, इस बार पौष माह की शुरुआत 16 से दिसंबर से हुई है। वहीं, इसका समापन अगले वर्ष यानी 13 जनवरी को होगा। इस माह में कई महत्वपूर्ण व्रत और पर्व मनाए जाते हैं। पंचांग के अनुसार, 23 दिसंबर से लेकर 29 दिसंबर तक मंडला पूजा और सफला एकादशी (Saphala Ekadashi 2024) समेत कई त्योहार मनाए जाएंगे। धार्मिक मान्यता है कि सफला एकादशी व्रत करने से सभी संकट दूर होते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों (Weekly Vrat Tyohar) के बारे में।
मंडला पूजा 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Mandala Puja 2024 Date and Subh Muhurat)
हर साल सबरीमाला मंदिर में मंडला पूजा की जाती है। इस वर्ष मंडला पूजा 26 दिसंबर को है।
ब्रह्म मुहूर्त -सुबह 04 बजकर 54 मिनट से 05 बजकर 48 मिनट तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 44 मिनट से दोपहर 2 बजकर 27 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 38 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक
अमृत काल- सुबह 08 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 7 मिनट तक
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सफला एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त (Saphala Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 25 दिसंबर को रात 10 बजकर 29 मिनट पर होगी। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 27 दिसंबर को रात 12 बजकर 43 मिनट पर होगा। ऐसे में 26 दिसंबर (Kab Hai Saphala Ekadashi 2024) को सफला एकादशी मनाई जाएगी।
प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2024 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 28 दिसंबर को देर रात 02 बजकर 26 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 29 दिसंबर को देर रात 03 बजकर 32 मिनट पर होगा। ऐसे में 28 दिसंबर को वर्ष का अंतिम प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन शनि त्रयोदशी भी मनाई जाएगी। शनि त्रयोदशी के दिन शनि देव की पूजा का विधान है।
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