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    Saphala Ekadashi 2024: कब और क्यों मनाई जाती है सफला एकादशी? क्या है इसकी वजह

    हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा-अर्चना करने से जातक को जीवन में आ रहे संकटों से छुटकारा मिलता है और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं सफल एकादशी (Saphala Ekadashi 2024) से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 21 Dec 2024 10:26 AM (IST)
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    Lord Vishnu: सफला एकादशी का धार्मिक महत्त्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। वर्ष में कुल 24 एकादशी तिथि होती हैं। सनातन शास्त्रों में एकादशी तिथि का विशेष उल्लेख देखने को मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि एकादशी तिथि पर सच्चे मन से श्रीहरि और मां लक्ष्मी की उपासना और अन्न-धन का दान करने से इंसान को जीवन में अन्न और धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। हर साल पौष माह में सफला एकादशी (s Saphala Ekadashi 2024 Date) मनाई जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सफला एकादशी व्रत क्यों किया जाता है। अगर नहीं पता, तो ऐसे में चलिए आपको इसकी वजह के बारे में बताएंगे।

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    सफला एकादशी व्रत कथा (Saphala Ekadashi 2024 Vrat Katha)

    पौराणिक कथा (Saphala Ekadashi ki Katha) के अनुसार, राजा महिष्मान के 4 पुत्र थे। उनमें से एक पुत्र बेटा दुष्ट और पापी था। साथ ही बुरे काम करता था, जिसकी वजह से उसे राजा ने नगर से निकाल दिया। इसके बाद वह जंगल में रहकर मांस का सेवन करता था। वह एकादशी (Saphala Ekadashi Katha in Hindi) के दिन जंगल में संत की कुटिया पर पहुंच गया, तो उसे संत ने अपना शिष्य बना लिया, जिसके बाद उसके चरित्र में बदलाव आया। संत के कहने पर उसने एकादशी व्रत किया और फिर संत ने लुम्पक के पिता महिष्मान का वास्तविक रूप धारण किया। इसके बाद लुम्पक पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर सफला एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करने लगा।

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    सफला एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त (Saphala Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 25 दिसंबर को रात 10 बजकर 29 मिनट पर होगी। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 27 दिसंबर को रात 12 बजकर 43 मिनट पर होगा। ऐसे में 26 दिसंबर (Kab Hai Saphala Ekadashi 2024) को सफला एकादशी व्रत किया जाएगा।

    सफला एकादशी व्रत से मिलते हैं ये आध्यात्मिक लाभ (Saphala Ekadashi 2024 Vrat Benefits)

    • सफला एकादशी व्रत को विधिपूर्वक करने से इंसान को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
    • इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की उपासना करने का विधान है।  
    • इंसान को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है।  
    • आय और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।  
    • सच्चे मन से पूजा करने से मनोकामनाएं जल्द पूरी होती हैं।
    • जीवन के दुख और संकट दूर होते हैं।
    • पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।  
    • दान करने से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।