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    Shani Trayodashi 2024: कब है शनि त्रयोदशी? व्रत रखने से पहले नोट करें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

    शनि त्रयोदशी व्रत बहुत पुण्यदायी माना जाता है। यह दिन भगवान शिव और शनि देव को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। कहते हैं कि जो भक्त सच्ची भक्ति के साथ इस व्रत (Shani Trayodashi 2024 Date) का पालन करते हैं उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 20 Dec 2024 09:24 AM (IST)
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    Shani Trayodashi 2024: शनि त्रयोदशी की पूजा विधि।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शनि त्रयोदशी व्रत को बहुत ही शुभ माना जाता है। इसे शनि प्रदोष के नाम से भी जाना जाता है। जब प्रदोष शनिवार के दिन पड़ता है तो इसे शनि त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। यह दिन भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान शनि की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि त्रयोदशी पर उपवास करने से कई शुभ परिणाम मिलते हैं, जिनमें मानसिक अशांति से राहत, सुख-समृद्धि में वृद्धि और कार्य में सफलता शामिल है।

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    कहते हैं कि जो भक्त इस व्रत का पालन करते हैं, भगवान शिव उनकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं, तो आइए इस दिन (Shani Trayodashi 2024 Date) से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

    शनि त्रयोदशी व्रत 2024 कब है? (Shani Trayodashi Vrat 2024 Kab Hai?)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 27 दिसंबर, दिन शुक्रवार को रात 2 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 28 दिसंबर, दिन शनिवार को रात 3 बजकर 32 मिनट पर होगा। ऐसे में पंचांग को देखते हुए शनि त्रयोदशी का व्रत इस साल 28 दिसंबर को रखा जाएगा।

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    शनि त्रयोदशी व्रत पूजा विधि (Shani Trayodashi 2024 Puja Vidhi)

    • व्रती सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करें।
    • मंदिर की सफाई अच्छी तरह से करें।
    • व्रत का संकल्प लें।
    • भगवान शिव और देवी पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
    • उनके समक्ष दीपक जलाएं, फल, फूल और मिठाई आदि चीजें अर्पित करें।
    • शिव जी को बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं।
    • पूजा के समय मुख उत्तर-पूर्व दिशा की ओर रखें।
    • इस दिन पूजा प्रदोष काल यानी संध्या काल में ही की जाती है।
    • व्रती इस दिन फलहारी कर सकते हैं।
    • अगले दिन शिव पूजन के बाद व्रत का पारण करें।

    शिव पूजन मंत्र (Shiv Ji Pujan Mantra)

    • ॐ नमः शिवाय।
    • ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

    ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।

    शनि देव पूजन मंत्र (Shani Dev Pujan mantra)

    • ॐ शं शनैश्चराय नमः।
    • ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।

      छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।