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    Vinayak Chaturthi 2025 Date: जनवरी महीने में कब है विनायक चतुर्थी? एक क्लिक में नोट करें मुहूर्त एवं योग

    हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि (Vinayak Chaturthi 2024) भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की विधि पूर्वक पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। इसका अभिप्राय यह है कि भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी विघ्न एवं बाधाएं दूर हो जाती हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 20 Dec 2024 08:36 AM (IST)
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    Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में भगवान गणेश प्रथम पूजनीय हैं। साधक श्रद्धा भाव से बुधवार और कृष्ण एवं शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की पूजा करते हैं। चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश के निमित्त व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं। इसके लिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। आइए, पौष महीने के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025 Date) की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं।

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    विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 03 जनवरी ( अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार) को देर रात 01 बजकर 08 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 03 जनवरी को रात 11 बजकर 39 मिनट पर होगा। इस दिन चन्द्रास्त रात 09 बजकर 09 मिनट पर होगा। साधक 03 जनवरी को विनायक चतुर्थी का व्रत रख सकते हैं।

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    विनायक चतुर्थी शुभ योग (Vinayak Chaturthi Shubh Yog)

    पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दोपहर से है, जो रात्रि भर है। इसके साथ ही रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, धनिष्ठा एवं शतभिषा नक्षत्र का भी संयोग है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट अवश्य दूर हो जाएंगे। साथ ही आय, आयु और सौभाग्य में वृद्धि होगी। 

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 37 मिनट पर

    चन्द्रोदय- सुबह 09 बजकर 54 मिनट पर

    चंद्रास्त- शाम 09 बजकर 09 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 20 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से 02 बजकर 51 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 34 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।