Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Vivah panchami 2024: दशकों बाद विवाह पंचमी पर बन रहे हैं ये 6 शुभ संयोग, होगा जबरदस्त लाभ

    धार्मिक मत है कि विवाह पंचमी पर भगवान श्रीराम एवं मां पार्वती की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। भगवान श्रीराम (Vivah panchami 2024) ने सीता स्वयंवर में पिनाक धनुष तोड़ा था। इस शुभ तिथि पर भगवान श्रीराम एवं जग की देवी मां सीता का विवाह हुआ था।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 29 Nov 2024 02:25 PM (IST)
    Hero Image
    Vivah panchami 2024: विवाह पंचमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 6 दिसंबर को विवाह पंचमी है। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम एवं जगत की देवी मां सीता की पूजा की जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि त्रेता युग में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान श्रीराम एवं मां सीता परिणय सूत्र में बंधे थे। अतः हर वर्ष मार्गशीर्ष महीने में विवाह पंचमी (Vivah panchami 2024) मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर सीता स्वयंवर और राम विवाह का आयोजन किया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो विवाह पंचमी पर दुर्लभ शिववास योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान श्रीराम की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: भगवान श्रीराम को कब और कैसे प्राप्त हुआ था कोदंड धनुष और क्या थी इसकी खासियत?

    विवाह पंचमी शुभ मुहूर्त

    मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 05 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगी। वहीं, पंचमी तिथि का समापन 06 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर होगा। इस प्रकार 06 दिसंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी। यह पर्व भगवान श्रीराम एवं मां सीता के शादी की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है।

    शिववास योग

    ज्योतिषियों की मानें तो मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर दुर्लभ शिववास योग (Vivah Panchami Shivvas Yoga) का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दिन भर है। सर्वप्रथम भगवान शिव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार होंगे। भगवान शिव कैलाश पर दोपहर 12 बजकर 07 मिनट तक रहेंगे। इस दौरान भगवान शिव का अभिषेक करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

    ध्रुव योग

    मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन सुबह 10 बजकर 43 मिनट पर होगा। इस योग में भगवान श्रीराम एवं मां सीता की  पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। इस शुभ अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान श्रीराम और माता जानकी की पूजा करने से दांपत्य जीवन मधुर होगा। विवाह पंचमी पर श्रवण एवं धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही बालव और कौलव करण के भी योग बन रहे हैं।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 07 बजे

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 24 मिनट पर

    चन्द्रोदय- सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर

    चंद्रास्त- रात 10 बजकर 12 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 12 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक...

    विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक

    यह भी पढ़ें: हर शुभ काम में क्यों की जाती है नवग्रह पूजा? इस विधि से करें अपने आराध्य को प्रसन्न

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।