Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Vinayak Chaturthi 2025: जानें विनायक चतुर्थी पर दूर्वा चढ़ाने का मंत्र और नियम

    Updated: Thu, 29 May 2025 04:45 PM (IST)

    हर महीने की चतुर्थी तिथि को गणेश जी की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। हर महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखने और गणेश जी की पूजा करने से साधक की सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं।

    Hero Image
    Vinayak Chaturthi इस तरह अर्पित करें दूर्वा (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2025) पर गणेश जी की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। गणेश जी की पूजा के दौरान उन्हें दूर्वा चढ़ाने का भी विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं दूर्वा चढ़ाने के नियम और मंत्र।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi Muhurat)

    ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 29 मई को रात 11 बजकर 18 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 30 मई को रात 9 बजकर 22 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए ज्येष्ठ माह की विनायक चतुर्थी शुक्रवार 30 मई को मनाई जाएगी। इस दौरान गणेश जी की पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -

    विनायक चतुर्थी मुहूर्त - सुबह 10 बजकर 56 मिनट से दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक

    दूर्वा चढ़ाने का महत्व

    दूर्वा, जिसे दूब भी कहा जाता है, को त्रिदोष नाशक माना गया है। गणेश भगवान की पूजा में दूर्वा चढ़ाने के साथ ही मांगलिक कार्यों में भी दूर्वा का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बिना कोई भी मांगलिक कार्य अधूरा होता है। आयुर्वेद में भी दूब के कई गुण बताए गए हैं, जो इसे विशेष बनाते हैं। 

    यह भी पढ़ें - Vinayak Chaturthi 2025: जीवन की हर परेशानी को दूर करने के लिए करें इन मंत्रों का जप

    दूर्वा चढ़ाने के नियम

    भगवान गणेश की पूजा में उन्हें 21 जोड़े (21 गाठें) दूर्वा अर्पित करनी चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है। इससे जातक को गणेश जी की कृपा मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। दूर्वा चढ़ाते समय उसे साफ पानी से धो लेना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि दूर्वा साफ जगह से तोड़नी चाहिए।

    (Picture Credit: Freepik)

    दूर्वा अर्पित करने का मंत्र

    विनायक चतुर्थी की पूजा में गणेश भगवान को दूर्वा अर्तिप करते हुए 'श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि' मंत्र का जप करना चाहिए। ऐसा करने से विघ्नहर्ता प्रसन्न होते हैं और साधक के जीवन के सभी विघ्न हर लेते हैं। 

    यह भी पढ़ें - Vinayak Chaturthi पर करें ये उपाय, कर्ज से मिलेगी मुक्ति, रुके हुए काम होंगे पूरे

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।