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    Vinayak Chaturthi पर पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, दूर हो जाएंगे सभी संकट

    ज्योतिषियों की मानें तो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर कई मंगलकारी(Vinayak Chaturthi 2025 Yoga) संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के जीवन में मंगल का आगमन होता है। साथ ही सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 28 Apr 2025 01:49 PM (IST)
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    Vinayak Chaturthi 2025: भगवान गणेश को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी गुरुवार 01 मई को है। इस शुभ अवसर पर विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी। यह पर्व पूर्णतया भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

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    अतः साधक श्रद्धा भाव से चतुर्थी तिथि के दिन गणपति बप्पा की पूजा करते हैं। अगर आप भी भगवान गणेश की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणपति बप्पा की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय इन मंत्रों का जप और गणेश स्तोत्र का पाठ करें।

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    गणेश मंत्र

    1. ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।

    निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥

    2. ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥

    3. गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।

    द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥

    विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

    द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥

    विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।

    4. ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

    5. ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

    सङ्कटनाशन गणेश स्तोत्रम्

    प्रणम्य शिरसा देवंगौरीपुत्रं विनायकम्।

    भक्तावासं स्मेरनित्यमाय्ःकामार्थसिद्धये॥

    प्रथमं वक्रतुण्डं चएकदन्तं द्वितीयकम्।

    तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षंगजवक्त्रं चतुर्थकम्॥

    लम्बोदरं पञ्चमं चषष्ठं विकटमेव च।

    सप्तमं विघ्नराजं चधूम्रवर्णं तथाष्टकम्॥

    नवमं भालचन्द्रं चदशमं तु विनायकम।

    एकादशं गणपतिंद्वादशं तु गजाननम॥

    द्वादशैतानि नामानित्रिसन्ध्यं य: पठेन्नर:।

    न च विघ्नभयं तस्यसर्वासिद्धिकरं प्रभो॥

    विद्यार्थी लभते विद्यांधनार्थी लभते धनम्।

    पुत्रार्थी लभतेपुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम्॥

    जपेद्गणपतिस्तोत्रंषड्भिर्मासै: फलं लभेत्।

    संवत्सरेण सिद्धिं चलभते नात्र संशय:॥

    अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्चलिखित्वां य: समर्पयेत्।

    तस्य विद्या भवेत्सर्वागणेशस्य प्रसादत:॥

    श्रीगणेशमन्त्रस्तोत्रम्

    शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।

    येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥

    चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।

    विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥

    तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।

    साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥

    चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।

    सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥

    अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।

    तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥

    इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।

    एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥

    तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।

    क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥

    गणेश जी की आरती

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    जय गणेश जय गणेश...

    एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।

    माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

    जय गणेश जय गणेश...

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    जय गणेश जय गणेश...

    पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।

    लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

    जय गणेश जय गणेश...

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    जय गणेश जय गणेश...

    अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

    बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

    जय गणेश जय गणेश...

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    जय गणेश जय गणेश...

    'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    जय गणेश जय गणेश...

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    जय गणेश जय गणेश...

    दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

    कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

    जय गणेश जय गणेश...

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

    जय गणेश जय गणेश...

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