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    Vikat Sankashti Chaturthi पर पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, पूरी होगी मनचाही मुराद

    ज्योतिष भी कारोबार में सफलता पाने के लिए भगवान गणेश (Vikat Sankashti Chaturthi 2025) की पूजा करने की सलाह देते हैं। भगवान गणेश की पूजा करने से कुंडली में ग्रहों के राजकुमार और व्यापार के दाता बुध ग्रह मजबूत होता है। बुध देव की कृपा से जातक मधुरभाषी होता है। साथ ही जातक को कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 15 Apr 2025 04:09 PM (IST)
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    Vikat Sankashti Chaturthi 2025: गणेश जी को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 16 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी है। यह पर्व हर वर्ष वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही शुभ कामों में सफलता एवं सिद्धि पाने के लिए उनके निमित्त व्रत रखा जाता है।

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    विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है। अगर आप भी करियर और कारोबार में तरक्की पाना चाहते हैं, तो विकट संकष्टी चतुर्थी पर भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय राशि अनुसार मंत्रों का जप करें।

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    गणेश मंत्र

    1. गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।

    द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥

    विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

    द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥

    विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।

    2. दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

    धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥

    3. शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।

    येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥

    चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।

    विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥

    तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।

    साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥

    चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।

    सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥

    अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।

    तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥

    इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।

    एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥

    तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।

    क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥

    4. ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।

    निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥

    5. विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लंबोदराय सकलाय जगद्धितायं।

    नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।।

    राशि अनुसार मंत्र जप

    • मेष राशि के जातक विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन 'ॐ गणसेनाय नमः' मंत्र का जप करें।
    • वृषभ राशि के जातक भगवान गणेश की पूजा के समय 'ॐ गणचराय नमः' मंत्र का जप करें।
    • मिथुन राशि के जातक विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन 'ॐ गणजिते नमः' मंत्र का जप करें।
    • कर्क राशि के जातक गणपति बप्पा की कृपा पाने के लिए 'ॐ गणाय नमः' मंत्र का जप करें।
    • सिंह राशि के जातक विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन 'ॐ गणगुरवे नमः' मंत्र का जप करें।
    • कन्या राशि के जातक आय और सौभाग्य में वृद्धि के लिए 'ॐ गणसेतवे नमः' मंत्र का जप करें।
    • तुला राशि के जातक विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन 'ॐ गणभूतये नमः' मंत्र का जप करें।
    • वृश्चिक राशि के जातक गणेशजी को प्रसन्न करने के लिए 'ॐ गणपालाय नमः' मंत्र का जप करें।
    • धनु राशि के जातक विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन 'ॐ गणराजाय नमः' मंत्र का जप करें।
    • मकर राशि के जातक भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए 'ॐ गुणशालिने नमः' मंत्र का जप करें।
    • कुंभ राशि के जातक विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन 'ॐ गुणप्रियाय नमः' मंत्र का जप करें।
    • मीन राशि के जातक आर्थिक तंगी से मुक्ति के लिए 'ॐ गणाधीशाय नमः' मंत्र का जप करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।