Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Vikat Sankashti Chaturthi वर्षों बाद विकट संकष्टी चतुर्थी पर बन रहा है दुर्लभ मैत्रेय योग, मिलेगा दोगुना लाभ

    वैशाख का महीना बेहद खास होता है। इस महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विकट संकष्टी चतुर्थी (Vikat Sankashti Chaturthi 2025 Yoga) मनाई जाती है। यह दिन पूर्णतया भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में मंगल ही मंगल होता है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 13 Apr 2025 09:00 PM (IST)
    Hero Image
    Vikat Sankashti Chaturthi 2025: भगवान गणेश को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि का खास महत्व है। यह तिथि देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर एक मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ज्योतिषियों की मानें तो विकट संकष्टी चतुर्थी पर वर्षों बाद दुर्लभ मैत्रेय योग बन रहे हैं। इसके साथ ही कई मंगलकारी योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग के बारे में जानते हैं।

    यह भी पढ़ें: शनि की ढैय्या से मुक्ति के लिए करें ये उपाय, जीवन में होंगे चमत्कारी बदलाव

    कब है विकट संकष्टी चतुर्थी (Vikat Sankashti Chaturthi 2025)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 16 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी है। यह पर्व हर साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस साल 16 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 16 मिनट से वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि शुरू होगी। वहीं, 17 अप्रैल को दोपहर 03 बजकर 23 मिनट पर वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त होगी।

    मैत्रेय योग

    ज्योतिषियों की मानें तो वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मैत्रेय योग का निर्माण हो रहा है। मैत्रेय योग 16 अप्रैल को रात 08 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगा। वहीं, रात 11 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगा। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करना उत्तम होगा।

    अमृत सिद्धि योग

    वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतु्र्थी तिथि पर अमृत और सर्वार्थ सिद्धि योग भी पूरे दिन है। इसके साथ ही शिववास योग का संयोग बन रहा है। शिववास योग दोपहर 01 बजकर 16 मिनट से बन रहा है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 55 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 48 मिनट पर
    • चंद्रोदय- रात 10 बजे से
    • चंद्रास्त- सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 10 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 46 मिनट से 07 बजकर 09 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक

    यह भी पढ़ें: इस स्तुति के बिना अधूरी है गणपति बप्पा की पूजा, सभी बाधाएं हो सकती हैं दूर

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।