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    Vighneshwar Chaturthi पर क्या रहेगा पूजा का समय, यहां पढ़ें गणेश जी के मंत्र और आरती

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 07:00 AM (IST)

    पौष माह की विनायक चतुर्थी, जिसे विघ्नेश्वर चतुर्थी भी कहते हैं, आज यानी 24 दिसंबर को मनाई जा रही है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन पर गणेश ...और पढ़ें

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    Vighneshwar Chaturthi 2025 (AI Generated Image)

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी का व्रत किया जाता है। यह तिथि गणेश जी की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही खास मानी गई है। पौष माह की विघ्नेश्वर चतुर्थी (Vighneshwar Chaturthi 2025) पर आप इस तरह गणेश जी की पूजा करके उनकी कृपा के पात्र बन सकते हैं।

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    गणेश जी का पूजा मुहूर्त

    चतुर्थी मध्याह्न मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 19 मिनट से दोपहर 1 बजकर 11 मिनट से

    इस दिन चंद्रोदय देखना शुभ नहीं माना जाता है, ऐसे में चंद्रोदय का समय कुछ इस प्रकार रहेगा -

    वर्जित चंद्रोदय का समय - सुबह 10 बजकर 16 मिनट से रात 9 बजकर 26 मिनट तक

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    गणेश जी की पूजा विधि

    • गणेश चतुर्थी पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ वस्त्र पहनें।
    • मंदिर की सफाई करें और चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं।
    • गणपति जी की मूर्ति स्थापित करें और कलश रखें।
    • गणेश जी को पंचामृत स्नान कराएं।
    • पूजा में वस्त्र, जनेऊ, चंदन, दूर्वा, फूल, धूप, दीप अर्पित करें।
    • गणेश जी को मोदक और गुड़ का भोग लगाएं।
    • गणपति जी के मंत्रों का जप करें और आरती करें।

    गणेश जी के मंत्र

    1. 'श्री गणेशाय नम:'

    2. "ऊ गं गणपतये नमः"

    3. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
    निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

    4. "ऊं गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा"

    5. गणेश गायत्री मंत्र - ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

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    गणेश जी की आरती

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

    एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी,
    माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

    पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा,
    लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा।

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

    अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
    बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

    'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा,
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

    दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी,
    कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी।

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।