Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sakat Chauth 2026: सकट चौथ व्रत पर भगवान गणेश को माताएं लगाएं ये दिव्य भोग, जीवन में आएंगी खुशियां

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 06:31 PM (IST)

    सकट चौथ का व्रत (Sakat Chauth 2026) माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखद जीवन के लिए यह व्रत रखती है ...और पढ़ें

    Hero Image

    Sakat Chauth 2026: सकट चौथ व्रत भोग लिस्ट।

    Zodiac Wheel

    वार्षिक राशिफल 2026

    जानें आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा आने वाला नया साल।

    अभी पढ़ें

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सकट चौथ जिसे 'संकष्टी चतुर्थी' या 'तिलकुट चतुर्थी' भी कहा जाता है। यह तिथि माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पड़ती है। यह व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, अच्छी सेहत और सुखद जीवन की कामना के लिए रखती हैं। भगवान गणेश को 'विघ्नहर्ता' भी कहा जाता है, जो भक्तों के सभी संकटों को हर लेते हैं। ऐसी मान्यता है कि सकट चौथ के दिन (Sakat Chauth 2026) अगर बप्पा को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाया जाए, तो उनकी विशेष कृपा मिलती है। आइए जानते हैं -

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सकट चौथ व्रत के भोग (Sakat Chauth 2026 Bhog List)

    23_04_2019-lordganesha23apr19p_19159369(15)(80)

    तिल के लड्डू (तिलकुटा)

    सकट चौथ का सबसे मुख्य प्रसाद 'तिलकुटा' है। भुने हुए सफेद या काले तिल को गुड़ के साथ कूटकर बनाए गए लड्डू बप्पा को अर्पित करें। इसे चढ़ाने से शनि और सूर्य की कृपा मिलती है। साथ ही गणेश जी खुश होते हैं।

    मोदक

    "मोदकप्रियं मंगलदायकं" मंत्र के अनुसार गणेश जी को मोदक सबसे अधिक प्रिय हैं। ऐसे में सकट चौथ पर बप्पा को मोदक का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से जीवन में शुभता का आगमन होता है।

    शकरकंद

    सकट चौथ की पूजा में शकरकंद का भोग जरूर शामिल करना चाहिए। ऐसा करने से रिश्तों में मधुरता आती है।

    गन्ने और बेर

    इस मौसम में मिलने वाले फल जैसे - गन्ना, बेर और अमरूद भी पूजा की थाली में शामिल किए जाते हैं। ऐसा करने से संतान से जुड़ी मुश्किलें दूर होती हैं।

    पूजा विधि (Sakat Chauth 2026 Puja Rituals)

    • सुबह स्नान के बाद गणेश जी के सामने व्रत का संकल्प लें।
    • इस दिन मिट्टी से बने गणेश जी की पूजा का विधान है।
    • उन्हें दूर्वा की 21 गांठें अर्पित करें।
    • सकट चौथ का व्रत रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा होता है।
    • चांदी के लोटे में जल, दूध, अक्षत और तिल डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें।
    • पूजा के दौरान सकट चौथ की कथा जरूर सुनें या पढ़ें, क्योंकि इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है।

    यह भी पढ़ें- क्यों मनाते हैं सकट चौथ का व्रत? भगवान गणेश को क्यों समर्पित है ये पर्व

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।