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    Vat Savitri Purnima 2025: वट सावित्री पूर्णिमा व्रत आज, क्या है पूजा की सही विधि और मुहूर्त?

    Updated: Tue, 10 Jun 2025 08:17 AM (IST)

    वट सावित्री पूर्णिमा सुहागिन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है जो ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं। इस साल यह पावन व्रत (Vat Savitri Purnima 2025) 10 जून 2025 यानी आज के दिन रखा जा रहा है।

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    Vat Savitri Purnima 2025: वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 2025।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वट सावित्री पूर्णिमा का दिन बहुत शुभ माना जाता है। यह सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं। हर साल यह व्रत ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल यह पावन व्रत (Vat Savitri Purnima 2025) 10 जून, 2025 यानी आज के दिन रखा जा रहा है, तो आइए इस आर्टिकल में इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

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    वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 2025 पूजा मुहूर्त (Vat Savitri Purnima 2025 Puja Time)

    पंचांग गणना के आधार पर सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। रवि योग सुबह 05 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप किसी भी तरह के मांगलिक काम कर सकते हैं।

    वट सावित्री पूर्णिमा व्रत पूजा नियम (Vat Savitri Purnima 2025 Puja Rituals)

    • सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
    • लाल रंग के कपड़े पहनें और महिलाएं सोलह शृंगार करें।
    • सावित्री और सत्यवान की तस्वीर, जल, अक्षत, रोली, मौली, धूप, दीप, फल, फूल-माला और घर बनी मिठाई आदि चीजें इक्ट्ठा करें।
    • आस-पास किसी वट वृक्ष के पास जाएं।
    • वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाएं।
    • फिर विधिवत पूजा करें।
    • वट वृक्ष के चारों ओर मौली का धागा सात बार लपेटें।
    • हर परिक्रमा के साथ अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करें।
    • सावित्री और सत्यवान की कथा सुनें या पढ़ें।
    • आखिरी में आरती करें और पूजा में हुई भूल-चूक के लिए माफी मांगे।
    • प्रसाद से व्रत का पारण करें।

    वट सावित्री पूर्णिमा व्रत के भोग (Vat Savitri Purnima 2025 Bhog)

    वट सावित्री पूर्णिमा की पूजा में मौसमी फल, घर पर बनी मिठाई और कई क्षेत्रों में इस दिन पूड़ी, हलवा और चने की दाल भी भोग के रूप में चढ़ाई जाती है। इसके साथ ही इस दिन खीर बनने का भी विशेष महत्व है।

    पूजा मंत्र (Vat Savitri Purnima 2025 Puja Mantra)

    1. नमस्ते सर्वगेवानां वरदासि हरे: प्रिया।

    या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां या सा मे भूयात्वदर्चनात्।।

    2. वट सिंचामि ते मूलं सलिलैरमृतोपमैः । यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले ।

    तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मां सदा ॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।