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    Vat Savitri Purnima 2025: वट सावित्री पूर्णिमा व्रत में इन बातों का रखें ध्यान, वरना नहीं मिलेगा व्रत का फल

    Updated: Sat, 07 Jun 2025 10:54 AM (IST)

    वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत (Vat Savitri Purnima 2025) सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह व्रत 11 जून को रखा जाएगा। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है और सावित्री-सत्यवान की कथा सुनी जाती है। व्रत को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं जिनका पालन हर किसी को करना चाहिए आइए जानते हैं।

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    Vat Savitri Purnima 2025: व्रत में इन बातों का रखें ध्यान।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर सुहागिन महिला के लिए वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत बहुत शुभ माना जाता है। यह व्रत अखंड सौभाग्य, पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस साल यह व्रत 11 जून को रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और सावित्री-सत्यवान की कथा सुनती हैं। वहीं, इस पावन दिन (Vat Savitri Purnima 2025) को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं, जिसका पालन हर किसी को करना चाहिए। इससे जीवन में खुशहाली आती है, तो आइए उन नियमों के बारे में जानते हैं।

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    व्रट सावित्री पूर्णिमा 2025 (Vat Savitri Purnima 2025 Kab Hai?)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 10 जून को सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी और वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 11 जून को दोपहर 01 बजकर 13 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 10 जून ( Jyeshtha Purnima 2025) को व्रट सावित्री पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। हालांकि स्नान-दान 11 जून को किया जाएगा।

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    व्रत में इन बातों का रखें ध्यान (Vat Savitri Purnima 2025 Rules)

    • वट सावित्री पूर्णिमा व्रत में सोलह शृंगार करें।
    • व्रत में पवित्रता का खास ख्याल रखें।
    • एक दिन पहले सात्विक भोजन करें।
    • व्रत के दिन सुबह स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
    • पूजा में पवित्रता का खास ख्याल रखें।
    • पूजा में तामसिक चीजों से दूर रहें।
    • मन शुद्ध रखें।
    • इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
    • पूजा के बाद वट सावित्री की कथा सुनें।
    • व्रत के दौरान क्रोध और नकारात्मकता से दूर रहें।
    • नकारात्मक विचारों से बचें।
    • व्रत के पारण के बाद भी सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
    • मांसाहार और तामसिक भोजन से बचें।
    • व्रत पूरा होने के बाद किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और दक्षिणा दें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।