Vat Savitri Purnima 2025: वट सावित्री पूर्णिमा के व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं? अभी नोट करें नियम
वट सावित्री पूर्णिमा व्रत (Vat Savitri Purnima 2025) सनातन धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसमें बरगद के पेड़ की पूजा का विधान है। वहीं व्रत के दौरान कुछ खास चीजें खाने और कुछ से परहेज करने के नियम हैं जिनका पालन करना आवश्यक है तो आइए जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत बहुत पावन माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अत्यंत भक्ति भाव के साथ कठिन निर्जला व्रत का पालन करती हैं, जो हर साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को आता है। कहते हैं कि सच्ची भक्ति से इस उपवास को रखने से पति की लंबी आयु, उत्तम स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा का विधान है।
वहीं, जो लोग इस कठिन उपवास का पालन करते हैं, उन्हें इस व्रत (Vat Savitri Purnima 2025) में कुछ बातों का ध्यान जरूर देना चाहिए, वरना व्रत टूट सकता है, तो चलिए यहां जानते हैं।
वट सावित्री पूर्णिमा व्रत में क्या खाएं? (Vat Savitri Purnima 2025 Me Kya Khaye?)
वट सावित्री पूर्णिमा व्रत के दिन मौसमी फल जैस - (आम, केला, सेब, अंगूर, संतरा, अनार) दूध और दूध से बनी चीजें, सूखे मेवे, कुट्टू या सिंघाड़े का आटा, शकरकंद, आलू, नारियल पानी और साबूदाने आदि का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इसमें साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग करें।
वहीं, इस व्रत में कुछ नहीं खाया जाता है, लेकिन आपके अंदर शारीरिक रूप से क्षमता नहीं, तो आप इन चीजों का सेवन कर सकते हैं।
व्रत में क्या नहीं खाएं? (Vat Savitri Purnima 2025 Me Kya Nahin Khaye?)
ऐसा कहा जाता है कि वट सावित्री पूर्णिमा व्रत में गेहूं, चावल, बेसन, दालें, प्याज, लहसुन, साधारण नमक, मांस, मछली, अंडे, शराब, तंबाकू, तले हुए और मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि इन चीजों के सेवन से न सिर्फ व्रत टूट जाता है, बल्कि इसके बुरे परिणाम भी मिलते हैं। ऐसे में व्रत के दौरान इन चीजों से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखें।
व्रत खोलने के नियम (Vat Savitri Purnima 2025 Paran Rules)
वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत शाम को पूजा के बाद खोला जाता है। व्रत खोलने से पहले वट वृक्ष की पूजा और कथा का पाठ किया जाता है। व्रत का पारण प्रसाद और हल्के, सात्विक भोजन से करना चाहिए। कुछ स्थानों पर व्रत खोलने के लिए मीठे चावल या खीर का सेवन किया जाता है। यह व्रत पति-पत्नी के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है।
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