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    Ram Mandir: एक दूसरे से कितनी अलग है रामलला और राम दरबार की प्रतिमा?

    Updated: Fri, 06 Jun 2025 11:23 AM (IST)

    राम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। भक्त अब रामलला के बाल स्वरूप और राजा राम के राजसी राम दरबार दोनों का दर्शन कर पाएंगे। रामलला की मूर्ति श्याम शिला से बनी है और 51 इंच ऊंची है। वहीं राम दरबार (Ayodhya Ram Mandir) धर्म न्याय और मर्यादा का प्रतीक है।

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    Ram Mandir Statue Comparison: रामलला और रामदरबार।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। राम मंदिर (Ram Mandir) में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा बीते दिन हो चुकी है। 5 जून यानी गंगा दशहरा के पावन अवसर पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरा हुआ। इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह करोड़ों भक्त बनें। इस धार्मिक अनुष्ठान के बाद श्रद्धालु भगवान राम के दो दिव्य स्वरूप का दर्शन कर पाएंगे।

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    एक रामलला का बाल स्वरूप और दूसरा राजा राम का राजसी राम दरबार, तो आइए इस आर्टिकल में इन दोनों मूर्तियों (Ayodhya Ram Mandir Statue Comparison) के बीच के अंतर को समझते हैं।

    कैसा है रामलला का स्वरूप? (Ram Lalla Idol Features)

    राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित रामलला की मूर्ति भगवान राम के बाल स्वरूप का प्रतीक है। यह मूर्ति श्याम शिला (काले पत्थर) से बनी है, जिसे कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार ने बनाया है। 51 इंच ऊंची यह प्रतिमा कमल के फूल पर खड़ी मुद्रा में है, जिसके हाथों में धनुष-बाण हैं।

    मूर्ति में भगवान विष्णु के दशावतारों को भी दिखाया गया है, और इसे इस तरह से बनाया गया है कि हर रामनवमी पर सूर्य की किरणें सीधे रामलला के माथे पर पड़ें। भगवान राम के इस स्वरूप के दर्शन से भक्तों के भारी से भी भारी संकटों का नाश हो जाता है।

    राम दरबार की प्रतिमा (Ram Darbar Murti Details)

    बीते दिन रामदरबार की प्राण प्रतिष्ठा हुई। यहां भगवान राम एक आदर्श राजा के रूप में विराजमान हैं, जो कि संगमरमर से बनी है। इसमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत शत्रुघ्न और वीर हनुमान एक साथ नजर आ रगे हैं। इसमें राम और सीता की प्रतिमा को एक ही पत्थर से बनाया गया है, जबकि अन्य मूर्तियों को अलग-अलग पत्थरों से बनाया गया है।

    राम दरबार धर्म, न्याय, मर्यादा और आदर्श का प्रतीक है। यह भगवान राम के उस रूप को दिखाता है, जब उन्होंने अयोध्या पर शासन किया था और एक न्यायपूर्ण व आदर्श समाज की स्थापना की थी। वहीं, यह दरबार भक्तों को भगवान राम के मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप और उनके आदर्शों की याद दिलाता है।

    राम दरबार में कौन-कौन से देवी-देवता होंगे मौजूद?

    राम दरबार में भगवान राम, मां सीता, वीर हनुमान लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न की प्रतिमाएं हैं। इनकी स्थापना मंदिर की पहले तल पर हुई है। इसके अलावा अन्य छह मंदिरों की भी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हुई।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।