Yogini Ekadashi 2025: योगिनी एकादशी व्रत में करें तुलसी से जुड़े उपाय, दूर होगा दुर्भाग्य
योगिनी एकादशी का व्रत आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इस साल यह व्रत (Yogini Ekadashi 2025) 21 जून को मनाया जाएगा। इस दिन तुलसी से जुड़े कुछ उपाय करने से दुर्भाग्य दूर होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है तो आइए उन चमत्कारी उपाय के बारे में जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से साधक के सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2025) का व्रत 21 जून, 2025 को रखा जाएगा।
वहीं, इस दिन को लेकर तुलसी से जुड़े कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से दुर्भाग्य दूर होता है और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है, तो आइए जानते हैं।
तुलसी से जुड़े खास उपाय (Special Remedies Related To Tulsi)
- तुलसी पूजन - योगिनी एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु के साथ-साथ तुलसी माता की भी विधिवत पूजा करें। फिर तुलसी को जल चढ़ाएं, धूप-दीप जलाएं और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करते हुए 7 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- तुलसी दल - योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को भोग लगाते समय उसमें तुलसी दल जरूर डालें, क्योंकि बिना तुलसी दल के भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। ऐसा करने से भगवान खुश होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- तुलसी की माला - अगर हो पाए तो योगिनी एकादशी के दिन तुलसी की माला धारण करें या पूजा के समय तुलसी की माला से जप करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मन शांत रहता है।
- तुलसी के पौधे लगाएं - अगर आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है, तो योगिनी एकादशी के दिन घर पर नया तुलसी का पौधा लाकर लगाएं। यह बहुत शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- तुलसी विवाह - अगर हो पाए तो योगिनी एकादशी के दिन शाम के समय तुलसी विवाह का आयोजन करें। यह बहुत पुण्यकारी माना जाता है और इससे घर में खुशहाली आती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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