Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Vat Savitri Purnima 2025: वट सावित्री पूर्णिमा का पहली बार रख रहे हैं व्रत, तो नोट करें ये जरूरी बातें

    Updated: Sun, 08 Jun 2025 11:56 AM (IST)

    वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत (Vat Savitri Purnima 2025) हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। इस बार यह व्रत 10 जून को रखा जाएगा। इस दिन वट वृक्ष और सावित्री-सत्यवान की पूजा की जाती है। वहीं इस दिन को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं आइए उनके बारे में जानते हैं।

    Hero Image
    Vat Savitri Purnima 2025: वट सावित्री पूर्णिमा का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं और पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं। यह व्रत हर साल ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा तिथि को रखा जाता है। इस बार यह उपवास 10 जून को रखा जाएगा। वहीं, अगर आप पहली बार यह व्रत (Vat Savitri Purnima 2025) रखने जा रही हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, तो आइए उन नियमों के बारे में जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    व्रट सावित्री पूर्णिमा 2025 डेट और टाइम (Vat Savitri Purnima 2025 Date And Time)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 10 जून को सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसकी समाप्ति अगले दिन यानी 11 जून को दोपहर 01 बजकर 13 मिनट पर होगी।

    उदया तिथि को देखते हुए 10 जून (Kab Hai Jyeshtha Purnima 2025?) को व्रट सावित्री पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा, लेकिन स्नान-दान 11 जून को किया जाएगा।

    पहली बार व्रत रखने वाली महिलाएं ऐसे रखें व्रत

    पूजन सामग्री ( Puja Samagri)

    • वट वृक्ष की प्रतिमा या बेल
    • सावित्री और सत्यवान की तस्वीर
    • बांस का पंखा
    • कच्चा सूत या कलावा
    • सिंदूर, रोली, अक्षत, कुमकुम, चंदन
    • फूल
    • फल
    • भिगोए हुए काले चने
    • मिठाई, बताशे, नारियल
    • धूप, दीपक, अगरबत्ती
    • जल का कलश
    • शृंगार का सामान
    • वट सावित्री व्रत कथा की पुस्तक
    • सवा मीटर लाल या पीला कपड़ा आदि।

    वट सावित्री पूर्णिमा पूजा विधि (Vat Savitri Purnima 2025 Puja Vidhi)

    • सुबह जल्दी उठें स्नान करें और लाल रंग के कपड़े पहनें।
    • सोलह शृंगार करें।
    • वट वृक्ष के नीचे सफाई करें और पूजा स्थल तैयार करें।
    • सावित्री और सत्यवान की पूजा करें, और वट वृक्ष को जल चढ़ाएं।
    • लाल धागे से वट वृक्ष को बांधें और 7 बार परिक्रमा करें।
    • व्रत कथा सुनें और आरती करें।
    • गरीबों को धन, अन्न और वस्त्र का दान दें।
    • यह व्रत निर्जला भी रखा जाता है, लेकिन अगर स्वास्थ्य कारणों से ऐसा करना मुश्किल है, तो फलाहार कर सकते हैं।
    • इस दिन नीले, काले या सफेद रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
    • पूजा समाप्त होने के बाद अपनी सास के पैर छूकर उनका आशीर्वाद जरूर लें।
    • उन्हें भिगोए हुए चने और कपड़े प्रसाद के रूप में दें।
    • व्रत के दिन किसी का अपमान न करें, झूठ न बोलें और झगड़े से बचें।
    • इसके अलावा वट वृक्ष को किसी भी तरह से नुकसान न पहुंचाएं।

    यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat 2025: रवि प्रदोष व्रत कथा के बिना पूरी नहीं होती पूजा, जरूर करें इसका पाठ

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।