Utpanna Ekadashi 2025 Upay: उत्पन्ना एकादशी पर करें तुलसी से जुड़े उपाय, श्री हरि के साथ खुश होंगी धन की देवी
उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2025 Upay) का व्रत हर साल मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत पापों का नाश करता है। इस साल यह 15 नवंबर को पड़ रहा है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ तुलसी माता की पूजा का विशेष महत्व है। तो चलिए इस दिन से जुड़े कुछ उपाय जानते हैं, जो इस प्रकार हैं -

Utpanna Ekadashi 2025 Upay: उत्पन्ना एकादशी के उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में उत्पन्ना एकादशी का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। इस व्रत को रखने से सभी पापों का नाश होता है। यह हर साल मार्गशीर्ष (अगहन) महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है, जिसे भगवान विष्णु की प्रिय एकादशी माता की उत्पत्ति का दिन माना जाता है। इस साल उत्पन्ना एकादशी का पावन पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा। इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ उनकी प्रिय तुलसी माता की पूजा का भी विशेष महत्व है। तुलसी को माता लक्ष्मी का ही स्वरूप माना गया है।
इसलिए उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2025) पर तुलसी से जुड़े कुछ सरल उपाय करने से श्री हरि विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है, तो आइए इससे जुड़े उपाय जानते हैं, जो इस प्रकार हैं -
उत्पन्ना एकादशी पर करें तुलसी से जुड़े चमत्कारी उपाय (Utpanna Ekadashi 2025 Tulsi Ke Upay)
शृंगार करें
उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी माता को जल चढ़ाएं। उन्हें लाल रंग की चुनरी और सोलह शृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी खुश होती हैं और घर में स्थायी रूप से वास करती हैं। साथ ही इस उपाय को करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।
कच्चा दूध चढ़ाएं
एकादशी तिथि पर तुलसी माता को कच्चा दूध अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। दूध चढ़ाने के बाद, पौधे के सामने घी का दीपक जलाकर 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से धन-लाभ के योग बनते हैं।
तुलसी की मंजरी से करें ये काम
अगर आपके घर में धन का ठहराव नहीं होता है, तो उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी की मंजरी लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रखें। ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। साथ ही धन लाभ के योग बनते हैं।
परिक्रमा करें
एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद तुलसी के पौधे की सात बार परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय 'जय मां लक्ष्मी' और 'जय श्री हरि' का जाप करें। इसके बाद, तुलसी के तने पर लाल कलावा बांधें। इस उपाय को करने से सभी कष्टों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
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