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    Baba Mahakaal: महाकाल बाबा को नहीं चढ़ेंगी बड़ी मालाएं, पढ़ें पूरी गाइड लाइन

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 05:00 PM (IST)

    उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल (Baba Mahakaal) को बड़ी फूलमालाएं चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह निर्णय ज्योतिर्लिंग की नाजुक प्रक ...और पढ़ें

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    Baba Mahakaal: महाकाल बाबा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भक्तों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है। यहां रोजाना भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आते हैं और उन्हें तरह-तरह की चीजें और फूलमालाएं अर्पित करते हैं। हालांकि, मंदिर प्रबंधन ने अब बाबा महाकाल (Baba Mahakaal) के लिए फूलमालाएं चढ़ाने को लेकर एक महत्वपूर्ण और सख्त नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके अनुसार 10 किलो या उससे बड़ी मालाएं शिवलिंग पर अर्पित नहीं की जा सकेंगी।

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    यह नियम 01 जनवरी से लागू होगा। कहा जा रहा है कि इसका पालन भस्मआरती से लेकर शयन आरती तक करवाया जाएगा। आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं -

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    महाकाल को बड़ी मालाएं चढ़ाने पर रोक क्यों?

    मंदिर प्रशासन द्वारा यह निर्णय कई कारणों से लिया गया है। महाकाल का ज्योतिर्लिंग स्वयंभू है और इसकी प्रकृति बहुत नाजुक है। भारी मालाओं के भार और नमी के कारण ज्योतिर्लिंग को क्षति पहुंचने का खतरा बना रहता है। इस नियम का मुख्य उद्देश्य ज्योतिर्लिंग को सुरक्षित रखना है।

    इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि बड़ी मालाओं में फूलों का अत्यधिक उपयोग होता था, जो आरती या दर्शन के तुरंत बाद हटा दिए जाते थे। इससे फूलों की बर्बादी भी होती थी। यही नहीं बड़ी मालाओं के कारण गर्भगृह में सफाई और व्यवस्था बनाए रखने में कठिनाई होती थी।

    अन्य बातें

    मंदिर प्रशासन ने अब भक्तों को खुले फूल या छोटी व्यक्तिगत मालाएं चढ़ाने की अनुमति दी है।
    भक्तों से आग्रह किया गया है कि वे बिल्व पत्र और ताजे फल अधिक मात्रा में अर्पित करें, क्योंकि ये वस्तुएं बाबा को बहुत ज्यादा प्रिय हैं और उनसे ज्योतिर्लिंग को कोई हानि नहीं होती है।

    इसके साथ ही यह नई गाइडलाइन भक्तों की सुविधा और बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग की सुरक्षा, दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका पालन सभी भक्तों को करना चाहिए।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।