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    Lord Mahakal: भगवान महाकाल की कृपा पाने के लिए करें यह एक कार्य, जीवन सदैव रहेगा खुशहाल

    Updated: Sat, 08 Jun 2024 02:10 PM (IST)

    मध्‍य प्रदेश के उज्‍जैन में स्थित ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान महाकाल के दर्शन करने जातक का जीवन-मृत्यु का चक्र खत्म हो जाता है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आप भी महाकाल को प्रसन्न करना चाहते हैं तो पूजा के दौरान महाकाल चालीसा का पाठ करें।

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    Lord Mahakal: भगवान महाकाल की कृपा पाने के लिए करें यह एक कार्य, जीवन सदैव रहेगा खुशहाल

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mahakal Chalisa Lyrics: उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर अधिक प्रसिद्ध है। यह मंदिर भगवान महादेव के बारह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसकी एक खासियत है कि यहां दिन में 6 बार भगवान महाकाल की आरती होती है और विशेष श्रृंगार किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान महाकाल के दर्शन करने जातक का जीवन-मृत्यु का चक्र खत्म हो जाता है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आप भी महाकाल को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो पूजा के दौरान महाकाल चालीसा का पाठ करें। मान्यता है कि ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन सदैव खुशहाल रहेगा। आइए पढ़ते हैं महाकाल चालीसा।

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    महाकाल चालीसा (Mahakal Chalisa Lyrics in Hindi)

    ।। दोहा ।।

    श्री महाकाल भगवान की महिमा अपरम्पार,

    पूरी करते कामना भक्तों की करतार।

    विद्या-बुद्धि-तेज-बल-दूध-पूत-धन-धान,

    अपने अक्षय कोष से भगवान करो प्रदान।।

    ।। चौपाई ।।

    जय महाकाल काल के नाशक। जय त्रिलोकपति मोक्ष प्रदायक।।

    मृत्युंजय भवबाधा हारी। शत्रुंजय करो विजय हमारी।।

    आकाश में तारक लिंगम्। पाताल में हाटकेश्वरम्।।

    भूलोक में महाकालेश्वरम्। सत्यम्-शिवम् और सुन्दरम्।।

    क्षिप्रा तट ऊखर शिव भूमि। महाकाल वन पावन भूमि।।

    आशुतोष भोले भण्डारी। नटराज बाघम्बरधारी।।

    सृष्टि को प्रारम्भ कराते। कालचक्र को आप चलाते।।

    तीर्थ अवन्ती में हैं बसते। दर्शन करते संकट हरते।।

    विष पीकर शिव निर्भय करते। नीलकण्ठ महाकाल कहाते।।

    महादेव ये महाकाल हैं। निराकार का रूप धरे हैं।।

    ज्योतिर्मय-ईशान अधीश्वर। परम् ब्रह्म हैं महाकालेश्वर।।

    आदि सनातन-स्वयं ज्योतिश्वर। महाकाल प्रभु हैं सर्वेश्वर।।

    जय महाकाल महेश्वर जय-जय। जय हरसिद्धि महेश्वरी जय-जय।।

    शिव के साथ शिवा है शक्ति। भक्तों की है रक्षा करती।।

    जय नागेश्वर-सौभाग्येश्वर। जय भोले बाबा सिद्धेश्वर।।

    ऋणमुक्तेश्वर-स्वर्ण जालेश्वर। अरुणेश्वर बाबा योगेश्वर।।

    पंच-अष्ट-द्वादश लिंगों की। महिमा सबसे न्यारी इनकी।।

    श्रीकर गोप को दर्शन दे तारी। नंद बाबा की पीढ़ियाँ सारी।।

    भक्त चंद्रसेन राजा शरण आए। विजयी करा रिपु-मित्र बनाये।।

    दैत्य दूषण भस्म किए। और भक्तों से महाकाल कहाए।।

    दुष्ट दैत्य अंधक जब आया। मातृकाओं से नष्ट कराया।।

    जगज्जननी हैं माँ गिरि तनया। श्री भोलेश्वर ने मान बढ़ाया।।

    श्री हरि की तर्जनी से हर-हर। क्षिप्रा भी लाए गंगाधर।।

    अमृतमय पावन जल पाया। ‘ऋषि’ देवों ने पुण्य बढ़ाया।।

    नमः शिवाय मंत्र पंचाक्षरी। इनका मंत्र बड़ा भयहारी।।

    जिसके जप से मिटती सारी। चिंता-क्लेश-विपद् संसारी।।

    सिर जटा-जूट-तन भस्म सजै। डम-डम-डमरू त्रिशूल सजै।।

    शमशान विहारी भूतपति। विषधर धारी जय उमापति।।

    रुद्राक्ष विभूषित शिवशंकर। त्रिपुण्ड विभूषित प्रलयंकर।।

    सर्वशक्तिमान-सर्व गुणाधार। सर्वज्ञ-सर्वोपरि-जगदीश्वर।।

    अनादि-अनंत-नित्य-निर्विकारी। महाकाल प्रभु-रूद्र-अवतारी।।

    धाता-विधाता-अज-अविनाशी। मृत्यु रक्षक सुखराशी।।

    त्रिदल-त्रिनेत्र-त्रिपुण्ड-त्रिशूलधर। त्रिकाय-त्रिलोकपति महाकालेश्वर।।

    त्रिदेव-त्रयी हैं एकेश्वर। निराकार शिव योगीश्वर।।

    एकादश-प्राण-अपान-व्यान। उदान-नाग-कुर्म-कृकल समान।।

    देवदत्त धनंजय रहें प्रसन्न। मन हो उज्जवल जब करें ध्यान।।

    अघोर-आशुतोष-जय औढरदानी। अभिषेक प्रिय श्री विश्वेश्वर ध्यानी।।

    कल्याणमय-आनंद स्वरुप शशि शेखर। श्री भोलेशंकर जय महाकालेश्वर।।

    प्रथम पूज्य श्री गणेश हैं , ऋद्धि-सिद्धि संग। देवों के सेनापति, महावीर स्कंध।।

    अन्नपूर्णा माँ पार्वती, जग को देती अन्न।महाकाल वन में बसे, महाकाल के संग।।

    ।। दोहा ।।

    शिव कहें जग राम हैं, राम कहें जग शिव,

    धन्य-धन्य माँ शारदा, ऐसी ही दो प्रीत।

    श्री महाकाल चालीसा, प्रेम से, नित्य करे जो पाठ,

    कृपा मिले महाकाल की, सिद्ध होय सब काज।।

    ।।इति श्री महाकालेश्वर चालीसा सम्पूर्ण।।

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