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    Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी के दिन अपनी पूजा थाली में शामिल करें ये चीजें, पूरे साल किस्मत देगी साथ

    विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन की सभी बाधाओं का अंत होता है। इस माह यह व्रत 10 जून को रखा जाएगा। अगर आप चाहते हैं कि आपकी पूजा में किसी प्रकार का विघ्न न पड़े तो पहले से ही इसकी सामग्री एकत्रित कर लें जो इस प्रकार है -

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 08 Jun 2024 12:00 PM (IST)
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    Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी पूजा सामग्री -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। विनायक चतुर्थी का दिन बेहद कल्याणकारी माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन (Vinayak Chaturthi 2024) गणेश जी की आराधना करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन की सभी बाधाओं का अंत होता है। इस माह यह व्रत 10 जून, 2024 को रखा जाएगा।

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    यदि आप चाहते हैं कि आपकी पूजा में किसी प्रकार का विघ्न न पड़े, तो पहले से ही इसकी सामग्री एकत्रित कर लें, जो इस प्रकार हैं -

    ।।विनायक चतुर्थी पूजा सामग्री।।

    • गणेश जी की मूर्ति
    • एक वेदी
    • लाल व पीला वस्त्र
    • गणेश जी के लिए पीला वस्त्र
    • श्रृंगार का सामान
    • घी
    • दीपक
    • शमी पत्ता
    • गंगाजल
    • पंचामृत
    • सुपारी
    • पान पत्ते
    • जनेऊ चंदन
    • अक्षत
    • धूप
    • फल
    • फूल
    • दूर्वा
    • लड्डू
    • मोदक

    विनायक चतुर्थी 2024 तिथि और शुभ योग

    वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 जून, 2024 को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 10 जून, 2024 को दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए विनायक चतुर्थी का व्रत 10 जून को रखा जाएगा।

    इस दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में इस मौके पर भगवान गणेश को खुश करने के लिए कई सारे अनुष्ठान किए जा सकते हैं, जिनका प्रभाव जीवन में जल्द देखने को मिलेगा।

    भगवान गणेश पूजन मंत्र

    1. गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

    श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

    2. महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

    गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

    3. ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।

    ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।