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    Mahakal Aarti Timings: महाकाल मंदिर में कब की जाती है भोग आरती और क्या है धार्मिक महत्व?

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 24 Apr 2025 10:30 PM (IST)

    महाकाल मंदिर में भस्म आरती (Bhasam Aarti Significance) ब्रह्म मुहूर्त में की जाती है। वहीं पूजन आरती संध्याकाल में की जाती है। पूजन आरती शाम 5 बजे की जाती है। महाकाल मंदिर में भगवान शिव के दर्शन हेतु बड़ी संख्या में साधक आते हैं। देवों के देव महादेव की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है।

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    Mahakal Aarti Timings: महाकाल मंदिर का इतिहास

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को प्रिय है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही शिव-शक्ति के निमित्त सोमवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक को मनोवांछित फल मिलता है। ज्योतिष भी मनचाहा वरदान पाने के लिए देवों के देव महादेव की पूजा करने की सलाह देते हैं। विवाहित महिलाएं सुख और सौभाग्य में वृद्धि के लिए सोमवार का व्रत रखती हैं।

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    वहीं, मंदिरों में सोमवार के दिन भव्य तरीके से बाबा का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक किया जाता है। इसके साथ ही भगवान शिव की पूजा एवं आरती की जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भोग आरती (Mahakal Temple Bhog Aarti) कब की जाती है? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं।

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    महाकाल मंदिर (Mahakal Mandir)

    महाकाल मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। यह मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इस मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर के दक्षिण में नंदी की प्रतिमा है। गर्भगृह में ओंकारेश्वर शिव की मूर्ति स्थापित हैं। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर मंदिर और उसके आसपास के प्रांगण में विशाल मेला लगता है। वहीं, रात में भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा होती है। 

    कब होती है भोग आरती?

    महाकाल मंदिर में रोजाना सुबह 10 बजे भोग आरती की जाती है। वहीं, रात 10 बजकर 30 मिनट पर शयन आरती की जाती है। भोग आरती में देवों के देव महादेव को भोग यानी प्रसाद भेंट किया जाता है। भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा एवं आरती करने से अन्न और धन की कमी नहीं रहती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

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    भोग आरती महत्व (Mangla Bhog Significance)

    भगवान शिव की महिमा अपरंपार है। देवों के देव महादेव की कृपा से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं। साथ ही साधक पर शिव-शक्ति की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। बड़ी संख्या में भक्तजन भोग आरती में शामिल होते हैं।

    Source:- shrimahakaleshwar.com

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।