Naga Sadhu: नागा साधुओं से जुड़ी 10 अनसुनी बातें, जिन्हें जानकर होगी हैरानी
सनातन धर्म में महाकुंभ मेले का खास महत्व है। इस बार इसकी शुरुआत पौष पूर्णिमा के दिन यानी 13 जनवरी से हुई है। यह मेला हर 12 सालों में एक बार लगता है। वहीं इस भक्ति भरे मेले में (Maha Kumbh 2025 Significance) साधु-संत लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं तो नागा साधु से जुड़े कुछ अनसुने रहस्य को जानते हैं जो इस प्रकार है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इनमें साधु-संतों की टोली हर बार सभी का ध्यान अपनी ओर खींचती है। देश से नहीं बल्कि विदेशों से भी संतो के आने का सिलसिला जारी है। वहीं, इस भव्य मेले में नागा साधु आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं, क्योंकि इनकी जीवनशैली के बारे में हर कोई जानने की इच्छा रखता है। ऐसे में आज हम नागा साधुओं से जुड़ी 10 प्रमुख बातों के बारे में जानेंगे, जिसे शायद बहुत कम लोग ही जानते हैं।
नागा साधुओं से जुड़े रहस्य (Naga Sadhu Facts)
1. नागा साधु बनने के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है।
2. नागा साधु के जीवन में प्रवेश करने के दौरान सबसे पहले खुद का ही पिंडदान करना पड़ता हैं।
3. नागा साधुओं भिक्षा से ही अपना पेटना भरना होता है।
4. अगर नागा साधु को किसी दिन भिक्षा नहीं मिलती है, तो उन्हें बिना खाए ही रहना पड़ता है।
5. नागा साधु (Naga Sadhu Lifestyle) बनने के बाद सांसारिक जीवन और आडंबर का पूरी तरह से त्याग करना पड़ता है।
6. नागा साधु बनने के बाद वस्त्र का त्याग करना पड़ता है।
7. नागा साधु शरीर को ढकने के लिए भस्म का इस्तेमाल करते हैं।
8. नागा बनने के बाद किसी के सामने सिर झुकाना और किसी की निंदा करना पूर्ण वर्जित होता है।
9. नागा साधु (Naga Sadhus Traditions) शिव जी के उपासक होते हैं।
10. शिव भक्त होने की वजह से नागा साधु 17 शृंगार करते हैं।
नागा साधुओं के 17 शृंगार इस प्रकार हैं -
नागा साधुओं के 17 शृंगार में भभूत, लंगोट, चंदन, पैरों में कड़ा , पंचकेश, अंगूठी, फूलों की माला (कमर में बांधने के लिए), हाथों में चिमटा, माथे पर रोली का लेप, डमरू, कमंडल, गुथी हुई जटा, तिलक, काजल, हाथों का कड़ा, विभूति का लेप, रुद्राक्ष आदि चीजें शामिल हैं।
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