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    Mahakumbh 2025: महाकुंभ में नागा साधु क्यों निकालते हैं शाही बारात? रोचक है वजह

    हिंदू धर्म में महाकुंभ मेले का बड़ा महत्व है। इस बार इस भव्य मेले का आयोजन 13 जनवरी से होगा। यह मेला दुनिया भर में आकर्षण का केंद्र बना रहता है और हर 12 सालों में एक बार लगता है। वहीं इस दौरान (Kumbh Mela) नागा साधु शाही बारात निकालते हैं जिसके पीछे का कारण बहुत रोचक है तो आइए यहां जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 28 Dec 2024 01:57 PM (IST)
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    Mahakumbh 2025: शाही बारात का धार्मिक महत्व (Photo Credit ANI)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जल्द महाकुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है। इस बार यह 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक लगेगा। इस त्याग, समर्पण और भक्ति भरे मेले में दुनिया भर के भक्त शामिल होते हैं। यह प्रत्येक12 साल में लगता है। वहीं, इस दौरान कई अनुष्ठान (Mahakumbh Tradition) आयोजित किए जाते हैं, जिनमें से एक नागा साधु की शाही बारात भी है, तो चलिए यहां जानते हैं कि महाकुंभ में नागा साधु शाही बारात (Royal Procession) क्यों निकालते हैं?

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    क्यों निकाली जाती है शाही बारात?

    महाकुंभ में नागा साधुओं (Naga Sadhus) की शाही बारात निकालने के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि जब देवों के देव महादेव माता पार्वती संग विवाह के लिए कैलाश से अपने ससुराल की ओर चले थे, उस दौरान उनकी भव्य और मनमोहक बारात निकाली गई थी, जिसे देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया था। इस शाही बारात में समस्त देवी-देवता, सुर-असुर और गंधर्व आदि शामिल हुए थे।

    कहते हैं कि जब शिव जी देवी पार्वती के साथ वापस लौटे, तो उन्होंने देखा कि नागा साधु वहीं खड़े होकर रो रहे हैं, जिसे देखकर भोलेनाथ ने उसका कारण पूछा, तो सभी नागा साधू ने कहा कि 'वे शिव बारात का हिस्सा न बनने से बेहद दुखी हैं, तब महादेव ने इसका समाधान निकालते हुए साधुओं को ये वचन दिया कि 'जल्दी ही वे भी शाही बारात का हिस्सा बनेंगे और इसमें उनके साथ वह भी साक्षात मौजूद रहेंगे।

    शाही बारात देखने के लाभ

    जब कुछ समय के बाद समुद्र मंथन हुआ, तो उससे अमृत की कुछ बूंदें धरती लोक पर गिरी और उसके बाद पहली बार महाकुंभ का आयोजन किया गया था। इस दौरान शिव जी के कहे अनुसार नागा साधुओं ने शाही बारात निकाली। कहते हैं कि इस पावन बारात को देखने से भोलेनाथ की कृपा मिलती है। इसके साथ ही जन्मों जन्म के पापों से छुटकारा भी मिलता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।