Som Pradosh Vrat 2025: किस दिन मनाया जाएगा सोम प्रदोष व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat 2025) करने से देवों के देव महादेव प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है। भगवान शिव की कृपा से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। त्रयोदशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही सोमवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक के जीवन में मंगल का आगमन होता है। साथ ही हर मनोकामना पूरी होती है।
प्रदोष व्रत का फल दिन अनुसार मिलता है। सोमवार के दिन पड़ने के चलते यह सोम प्रदोष व्रत कहलाता है। इस व्रत को करने से भगवान शिव की कृपा से हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है। आइए, सोम प्रदोष व्रत की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
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सोम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Som Pradosh Vrat Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, 23 जून को रात 01 बजकर 21 मिनट पर आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, 23 जून को रात 10 बजकर 09 मिनट पर त्रयोदशी तिथि का समापन होगा। इस दिन पूजा का समय शाम 07 बजकर 22 मिनट से रात 09 बजकर 23 मिनट तक है। साधक सुविधा अनुसार समय पर भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
सोम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Som Pradosh Vrat Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो सोम प्रदोष व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग और भद्रावास योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग दोपहर 03 बजकर 16 मिनट से पूर्ण रात्रि तक है। इसके साथ ही भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 22 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 44 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 21 मिनट से 07 बजकर 41 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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