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    माघ के पहले Pradosh Vrat पर इस तरह करें भोलेनाथ को प्रसन्न, तरक्की के खुल जाएंगे रास्ते

    हर माह की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किए जाने का विधान है। इस प्रकार हर माह में दो बार प्रदोष व्रत किया जाता है। एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में। इस दिन भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की जाी है। ऐसे में चलिए जानते हैं माघ माह के पहले प्रदोष व्रत पर आप किसी तरह शिव जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 17 Jan 2025 04:34 PM (IST)
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    Pradosh Vrat 2025 प्रदोष व्रत पर क्या करें? (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इस बार माघ माह का पहला प्रदोष व्रत, 27 जनवरी, सोमवार के दिन किया जाएगा। सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत भी कहा जा सकता है। इस बार सोमवार और प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat January 2025) का संयोग बन रहा है, जिसे बहुत ही खास माना जाता है।

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    प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

    माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 26 जनवरी को रात 08 बजकर 54 मिटन पर शुरू हो रही है। वहीं यह तिथि 27 जनवरी को रात 08 बजकर 27 मिनट पर खत्म होगी। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। ऐसे में प्रदोष व्रत सोमवार, 27 जनवरी 2025 को किया जाएगा। इस दिन पूजा का मुहूर्त ये रहने वाला है -

    सोम प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त - शाम 05 बजकर 56 मिनट से 08 बजकर 34 मिनट तक

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    जरूर करें ये काम

    सोम प्रदोष व्रत के दिन शुभ फलों की प्राप्ति के लिए आप प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें और उन्हें सफेद रंग की चीजों जैसे सफेद मिठाई आदि का भोग लगाएं। साथ ही इस दिन शिव तांडव स्तोत्र का पाठ भी जरूर करें। माना जाता है कि सोम प्रदोष व्रत रखने और शिव जी की विधिवत रूप से पूजा करने से कुंडली में मौजूद च्रंद देव से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं।

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    करें इन मंत्रों का जप -

    सोम प्रदोष व्रत के दिन आप इन मंत्रों का जप कर जीवन में शुभ परिणाम देख सकते हैं।

    ओम नमः शिवाय"

    ऊँ आशुतोषाय नमः

    ऊँ सों सोमाय नमः

    ऊँ नमो धनदाय स्वाहा

    ऊँ ह्रीं नमः शिवाय ह्रीं ऊँ

    ऊँ ऐं ह्रीं शिव गौरीमय ह्रीं ऐं ऊँ

    ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः सोमाय नमः

    ऊँ मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।