Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत के दिन इन जगहों पर जलाएं दीपक, घर में बनी रहेगी सुख-शांति
सनातन धर्म में हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को शुभ माना जाता है। इस दिन प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) किया जाता है। प्रदोष व्रत के ...और पढ़ें

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत ( Pradosh Vrat 2025) किया जाता है। इस खास तिथि पर देवों के देव महादेव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही कुछ जगहों पर दीपक जलाने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है और सुख-शांति बनी रहती है। प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की कृपा से साधक को कारोबार में सफलता मिलती है। ऐसे जानते हैं कि प्रदोष के दिन किन जगहों पर दीपक जाना शुभ माना जाता है।
महादेव की कृपा होगी प्राप्त
सनातन धर्म में रोजाना घर के मुख्य द्वार दीपक जलाना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है। साथ ही घर में सुख-शांति बनी रहती है। ऐसे में आप प्रदोष व्रत के दिन संध्याकाल में घर के मेन गेट पर तेल या देसी घी का दीपक (Deepak Ke Upay) जरूर जलाएं। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से महादेव साधक को महादेव की कृपा प्राप्त होगी।
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कभी खाली नहीं होगी तिजोरी
धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। इस पौधे को अधिकतर हिंदुओं के घरों में देखने को मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस पौधे को घर में लगाने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। साथ ही तिजोरी कभी खाली नहीं होती है, तो ऐसे में आप भी प्रदोष व्रत के दिन तुलसी के पास देसी घी का दीपक जलाएं। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय करने से मां लक्ष्मी की कृपा से रुके हुए काम पूरे होंगे और धन लाभ के योग बनेंगे।
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(Pic Credit- Freepik)
जरूर करें दीपदान
प्रदोष व्रत के दिन सुबह पवित्र नदी में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद दीपदान जरूर करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन दीपदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही उनकी कृपा से जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत- 24 मई को सुबह 07 बजकर 20 मिनट पर
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का समापन- 25 मई को दोपहर 03 बजकर 51 मिनट पर
ऐसे में 24 मई को प्रदोष व्रत किया जाएगा।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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